चंडीगढ़, 14 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया है और इस अवधि के दौरान औद्योगिक और आर्थिक सुधारों पर काम किया है, जिसके परिणामस्वरूप 60 बड़ी कंपनियों ने हरियाणा में निवेश के लिए अपनी रुचि दिखाई है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने कोरोना काल में राज्य की अर्थव्यवस्था की समीक्षा करने के लिए एक रोड-मैप तैयार किया है, जिसके तहत विभिन्न प्रमुख व्यक्तियों के अध्यक्षता में कई कार्य समूहों का गठन किया गया है।
श्री मनोहर लाल आज यहां फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (एफसीसी) ऑफ साऊथ एशिया के साथ आयोजित एक वर्चुअल वेबिनार में बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न कंपनियों ने चीन से अपना आधार (बेस) बदलना शुरू कर दिया है और वे हरियाणा को निवेश के लिए एक आदर्श गंतव्य के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में न केवल उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बनाया है, बल्कि राज्य में नई इकाइयों की स्थापना के लिए एक छत के नीचे आवश्यक मंजूरी सहित विभिन्न सुविधाएं भी प्रदान की हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में निवेशकों को आकर्षित करने की दृष्टि से राज्य सरकार ने भूमि और श्रम सुधारों पर काम किया हैं। इसके तहत, राज्य में नई इकाइयां स्थापित करने के अंतर्गत पहले 1000 दिनों के लिए कारखाना अधिनियम और औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों में राहत प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, हरियाणा के इतिहास में पहली बार, राज्य सरकार ने भी प्रदेश में निवेश करने के इच्छुक उद्यमियों को लीजहोल्ड पर जमीन देने की अनुमति देने का फैसला भी किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विदेशी निवेशकों के साथ उचित समन्वय बनाए रखने के लिए विभिन्न देशों के साथ समन्वय स्थापित करने हेतू नोडल अधिकारी के रूप में कई आईएएस अधिकारियों को नियुक्त करने के अलावा ‘विदेश सहयोग विभाग’ अलग से बनाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने कृषि आधारित उद्योगों पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ राज्य के सभी जिलों में कलस्टर स्थापित करने की योजना भी तैयार की है। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल के लोग जो दूसरे देशों में रह रहे थे और अब वापस आ गए हैं, उन्हें भी इन कलस्टरों में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना अवधि में शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, जन-स्वास्थ्य और आवास क्षेत्रों में बाजार के संबंध में राज्य की भूमिका को फिर से परिभाषित करने हेतू लघु और मध्यम अवधि की भावी योजना पर काम करने के लिए कई कार्य समूहों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि खाद्य, कृषि और संबद्ध सेवाओं पर कार्य समूह के अध्यक्ष नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद है जबकि उद्योग और वाणिज्य क्षेत्र पर बने कार्य समूह की अध्यक्षता मारूति सुजुकी कंपनी के चेयरपर्सन श्री आर.सी. भार्गव कर रहे हैं।
राज्य में कोविड-19 की स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर जैसे चार जिलों को छोडक़र, शेष हरियाणा में स्थिति नियंत्रण में है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा परीक्षण, स्क्रीनिंग, कंटेनमेंट जोन में कड़ाई से नियमों की पालना करवाना और प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं की मुफ्त आपूर्ति जैसे उपायों को तेजी से अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य में पर्याप्त चिकित्सा अवसरंचना सुविधाएं उपलब्ध हैं।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि उनकी इच्छा है कि राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज होना चाहिए और इसी कड़ी में प्रदेश में वर्तमान में 11 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं तथा तीन अन्य निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, हाल ही में सिरसा, यमुनानगर और कैथल जिलों में 3 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की भी मंजूरी दी है। इसके अतिरिक्त, राज्य में पहले से ही दो चिकित्सा विश्वविद्यालय संचालित हैं।
इससे पहले, फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (एफसीसी) ऑफ साऊथ एशिया ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को राज्य में कोविड-19 की रोकथाम में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए बधाई भी दी।