सोमवार, July 20, 2020

चंडीगढ़, 20 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज गांवों के समुचित विकास को सुनिश्चित करने के लिए ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष बल देने के साथ ब्लॉक स्तर पर सन्निहित (साथ-साथ लगते) गांवों को शामिल करने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए। पहले चरण में, स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम को आगे ले जाने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में क्लस्टरों को चिन्हित किया जाएगा।

ये निर्देश आज यहां श्री मनोहर लाल ने आयोजित हरियाणा राज्य स्वच्छ भारत मिशन (एचएसएसबीएम) की शासी निकाय (गर्वनिंग बॉडी) की चैथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि इन कलस्टरों को मॉडल क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां बुनियादी ढांचे और अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

बैठक में विधायक-सह-अध्यक्ष, राज्य स्तरीय टास्क फोर्स, स्वच्छ भारत मिशन श्री महीपाल ढांडा भी उपस्थित थे।

हरियाणा में इस मिशन को और मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हरियाणा राज्य स्वच्छ भारत मिशन, (ग्रामीण) और हरियाणा राज्य स्वच्छ भारत मिशन, (शहरी) के जिला स्तरीय शासी निकाय का गठन जमीनी स्तर पर किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रभावी निगरानी हेतू जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सरकारी विभागों के अलावा, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को भी राज्य के सभी गांवों में शुरू किए जा रहे कचरे के डोर-टू-डोर कलेक्शन के काम में जोड़ा जाना चाहिए।

श्री मनोहर लाल ने निर्देश दिये कि स्वच्छता की दिशा में काम करने के लिए उत्साह रखने वाले लोगों को शामिल करके ग्राम स्तरीय समितियों का गठन किया जाना चाहिए, जो घर-घर से कचरा इक_ा करने, सॉलिड वेस्ट के निपटान और प्लास्टिक कचरे के संग्रह जैसे विभिन्न कार्यों की निगरानी करेंगे।

बैठक में यह भी बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण- प्प् के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है, जिसे वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक लागू किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य गांवों की ओडीएफ स्थिति को बनाए रखना और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तर में सुधार करना है तथा इस प्रकार ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन गतिविधियों के माध्यम से गांवों को ओडीएफ प्लस बनाया जाना भी है। कार्य योजना के अनुसार, राज्य के सभी जिलों में हर महीने की 2 तारीख को प्लास्टिक कचरा संग्रहण किया जाएगा। लोक निर्माण (भवन और सडक़) विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे जिसके तहत प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत सडक़ों के निर्माण में उपयोग के लिए 110 टन प्लास्टिक कचरे को पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) को सौंपा जाएगा। इसके अलावा, हिसार जिले में गाँव नयागाँव परियोजना की तर्ज पर हर जिले में गोबरधन परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा, जो रसोई गैस की एक तिहाई कीमत पर घरेलू गैस कनेक्शन प्रदान करेगी।

बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य के सभी गांवों में सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया जाएगा। ऐसे 4000 परिसरों का निर्माण किया जा चुका है तथा शेष स्वच्छता परिसरों पर काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसके अलावा, गांवों में ठोस और तरल कचरे के उचित प्रबंधन के लिए, स्वच्छ भारत मिशन और संबंधित योजनाओं के तहत 1396 ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत 71,000 शौचालयों के लक्ष्य के मुकाबले 65,306 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा, 4081 सामुदायिक शौचालय सीटों के लक्ष्य के मुकाबले 4057 सामुदायिक शौचालय सीटों का निर्माण किया गया है जबकि 6313 सार्वजनिक शौचालय सीटों के लक्ष्य के मुकाबले 6872 सार्वजनिक शौचालय सीटों का निर्माण किया गया है, जोकि 109 प्रतिशत है। बैठक में बताया गया कि स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020 के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा कचरा मुक्त शहर के लिए नगर निगम करनाल को 3 स्टार और नगर निगम रोहतक को 1 स्टार रेटिंग से सम्मानित किया गया है।

बैठक में यह बताया गया कि हरियाणा के सभी शहरी स्थानीय निकायों को एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (डोर टू डोर कलेक्शन, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान) के लिए 13 कलस्टरों में विभाजित किया गया है। इनमें से, दो कलस्टरों गुरुग्राम-फरीदाबाद और सोनीपत-पानीपत को ऊर्जा के आधार पर काम आवंटित किया गया है और ये कार्य प्रगति पर है।

इससे पहले, हरियाणा राज्य स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र की कार्यकारी निदेशक सुश्री सोनिया त्रिखा खुल्लर ने सात प्रमुख विषयगत क्षेत्रों जैसे अस्पताल रखरखाव, स्वच्छता व साफ-सफाई, जल प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, सहयोग सेवाएं, स्वच्छता को बढ़ावा देना और अस्पताल की सीमा इत्यादि पर राज्य भर में सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उठाए जा रहे विभिन्न कदमों पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी सरकारी सिविल अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में उचित स्वच्छता और साफ-सफाई बनाए रखी जा रही है।

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री की उप-प्रधान सचिव सुश्री आशिमा बराड़, शहरी स्थानीय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस.एन. रॉय, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अमित झा, जनस्वास्थ्य और अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेन्द्र सिंह, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री महावीर सिंह, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।