चंडीगढ़, 24 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि शहरों से प्रतिदिन निकलने वाले गंदे पानी यानि मलजल को उपचारित करके उसे सिंचाई योग्य बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में 100 मलजल उपचार संयत्र (एसटीपी) लगाए गए हैं। इनके माध्यम से उपचारित पानी को खेती में प्रयोग करने की योजना को सिंचाई विभाग के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि उपचार के बाद शुद्ध पानी से हजारों एकड़ भूमि की सिंचाई की जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह बात आज करनाल के सेक्टर-37 स्थित 50 एम.एल.डी. की क्षमता वाले एसटीपी का निरीक्षण करने के दौरान कही। इस एसटीपी के निर्माण पर 74 करोड़ 43 लाख रूपये की लागत आई है और यह 6 एकड़ में बनाया गया है, प्लांट का कुल क्षेत्र 11 एकड़ है।
मुख्यमंत्री ने एसटीपी साइट पर मैकेनिकल स्क्रीन, मेन पम्पिंग स्टेशन, एस.बी.आर. (स्कवैंशियल बैच रिएक्टर), ग्रिट चैम्बर, बैल्ट फिल्टर प्रैस हाऊस तथा स्काडा (सुपरवाईजऱी कंट्रोल एंड डाटा एक्वीजिशन) रूम का भी भ्रमण किया।
उन्होंने बताया कि करनाल से प्रतिदिन 80 से 90 एम.एल.डी. मलजल निकलता है। इसके ट्रीटमेंट के लिए शहर में 120 एम.एल.डी. क्षमता के एसटीपी बनाए गए हैं। इससे पहले सारा पानी ड्रेन आउट होकर व्यर्थ जाता था, लेकिन एसटीपी बनने से करनाल की 6 हजार एकड़ जमीन की सिंचाई की जा सकेगी।
इस अवसर पर घरौंडा के विधायक श्री हरविन्द्र कल्याण, मेयर श्रीमती रेनू बाला गुप्ता, उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक श्री एस.एस. भौरिया सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।