चंडीगढ़, 4 नवम्बर- हरियाणा के मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल ने खरीफ फसलों की खरीद में लगे अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसान को भुगतान सात दिनों की निर्धारित अवधि में हर हाल में करना है। खरीद एजेंसी, आढ़तियों व बैंकर्स की तरफ से भुगतान में किसी प्रकार का विलम्ब कतई बर्दाश्त नहीं होगा। ‘जे फार्म व आई फार्म’ का मिलान खरीद प्रक्रिया का आंतरिक मामला है। उनका मिलान बाद में किया जा सकता है, परंतु किसान का भुगतान सबसे पहले होना जरूरी है। दीवाली से पहले-पहले कोई भी भुगतान लम्बित नहीं रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री आज यहां धान खरीद प्रक्रिया से जुड़े विभागों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 15 अक्तूबर से पहले का जितना भी भुगतान लम्बित है, उसे तत्काल जारी किया जाए। जिन किसानों को टोकन 14 नवम्बर को दीपावली के दिन जारी किए जा चुके हैं, उनकी वैधता 16, 17 व 18 नवम्बर तक बनी रहनी चाहिए। किसानों को नए सिरे से टोकन देने की जरूरत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मुख्यालय स्तर के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि धान खरीद के लिए ‘एच फार्म से लेकर जे फार्म, गेट पास, आई फार्म’ के सृजन होने से लेकर मंडी से वेयरहाउस तक उठान तथा आई फार्म की स्वीकृति प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एच फार्म जारी होने के एक सप्ताह के अंदर-अंदर या आई फार्म स्वीकृत होने के 72 घंटों में किसान को उसकी खरीद की अदायगी हर हालत में हो जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि खरीद प्रक्रिया से जुड़ा कोई एक अधिकारी या कर्मचारी भी लापरवाही बरतता है तो पूरी प्रक्रिया डगमगा जाती है। उन्होंने कहा कि मंडी बोर्ड के सचिव से लेकर आढ़ती, मिलर, ट्रांसपोर्टर हर किसी की जिम्मेवारी तय की जानी चाहिए। प्रत्येक मंडी से जुड़ी हर राइस मिल को एक समानुपात में स्टॉक का आवंटन होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी प्रक्रिया का एक चार्ट मंडीवार, किसानवार और आढ़तीवार तैयार किया जाना चाहिए और इसे वैबसाइट पर अपलोड किया जाए ताकि कोई भी व्यक्ति इसका अवलोकन कर सके। विशेषकर, किसान को इस बात की जानकारी हो सके कि किस दिन उसका ‘एच-फार्म’ जारी हुआ है और उसी के अनुसार वह मंडी में आए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं चण्डीगढ़ से डेशबोर्ड पर पूरी खरीद प्रक्रिया की जानकारी निरन्तर लेते रहेंगे।
बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा अवगत करवाया गया कि पहले खरीद प्रक्रिया ऑफलाइन थी अब इसे ऑनलाइन कर दिया गया है। हर प्रकार की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी कि किस दिन एच फार्म, जे फार्म, गेट पास व आई फार्म जारी हुआ। किस दिन जिला प्रबंधक या बैंकर्स को ऑनलाइन भुगतान के लिए पे-नाउ का बटन क्लिक करना होगा।
बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि इस वर्ष खरीफ फसलों की लगभग 38 लाख एकड़ क्षेत्र में धान, 18 लाख एकड़ क्षेत्र में कपास, 12 लाख एकड़ क्षेत्र में बाजरा, 2.40 लाख एकड़ क्षेत्र में गन्ना की बिजाई किए जाने का अनुमान है।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.के. दास, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेन्द्र सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, उप-अतिरिक्त प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, हैफेड के प्रबंध निदेशक श्री डी.के.बेहरा, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक श्री चन्द्र शेखर खरे, हरियाणा भण्डारण निगम के प्रबंध निदेशक श्री राजीव रतन तथा हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मुख्य प्रशासक श्रीमती सुमेधा कटारिया भी उपस्थित थी।