शुक्रवार, December 11, 2020

चंडीगढ़, 11 दिसम्बर- सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों के प्रति लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए आज एक नायब तहसीलदार और बीडीओ समेत छह अफसरों व कर्मचारियों को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उक्त आदेश आज यहां सीएम विंडो, सोशल मीडिया ग्रीवेंस ट्रैकर की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के सुशासन प्रोग्राम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री राकेश गुप्ता एवं मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल ने जारी किए।

 श्री राकेश गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश हैं कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 समीक्षा बैठक के दौरान पानीपत जिले के रेर कलां गांव के सरपंच को गिरफ्तार करने के लिए पानीपत के पुलिस अधीक्षक को स्पेशल टीम बनाने का निर्देश दिया गया। उक्त सरपंच गांव के पंचायती फंड से 1.87 करोड़ का गबन कर फरार है। पंचायती फंड में हेराफेरी करने के ऐसे ही एक मामले में मेवात के पंचायती फंड में से फर्जी कागजों के आधार पर 1 करोड़ 60 लाख रुपये से अधिक की राशि निकालने का मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आते ही उन्होंने बीडीओ अमित कुमार और तत्कालीन पंचायत सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है। साथ ही दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश भी दिया गया।

 यमुनानगर के एक भ्रष्टाचार के मामले में सही तरीके से उत्तर नहीं देने के चलते पंचायती राज विभाग के नोडल अधिकारी ऋषि डांगी को श्री राकेश गुप्ता ने तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी करते हुए कहा कि अगली किसी बैठक में वे नोडल अधिकारी के नाते  शामिल नहीं होंगे। उनके स्थान पर विभाग का एचसीएस स्तर का अधिकारी नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश भी जारी किया गया।

 महेंद्रगढ़ के नारनौल में पीडब्ल्यूडी की जमीन पर एक बिल्डर का अवैध कब्जा करने में सहयोग करने पर तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद बीएन भारती (वर्तमान में रिटायर्ड) के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश देने के साथ ही तत्कालीन बिल्डिंग इंस्पेक्टर भीम सिंह को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया गया।

 करनाल जिले में सहकारिता विभाग में कार्यरत इंस्पेक्टर अमित कुमार को भी निलंबित किया गया है। उक्त इंस्पेक्टर अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर फर्जी सोसायटी बनाये हुए था। सोसायटी के साथ सरकारी चिन्हों का इस्तेमाल करते हुए आईडी कार्ड बनाकर लोगों को झांसा दे रहे थे। इंस्पेक्टर अमित कुमार के खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं।

 फर्जी कागजों के आधार पर नायब तहसीलदार बने शिवराज सिंह के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें तुरन्त प्रभाव से निलंबित करते हुए दो प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश भी जारी किए गए।

 एक प्राथमिकी पटवारी भी न होने के बावजूद नायब तहसीलदार बनने का फर्जीवाड़ा करने पर और दूसरी प्राथमिकी सरकारी जमीन की फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में दर्ज कराने का आदेश दिया गया।

 जिला कैथल में अधिग्रहित की गई जमीन का सरकार के नाम इंतकाल न चढ़ाने के मामले में तत्कालीन पटवारी जय सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

 साथ ही उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए भी सम्बन्धित विभाग को आदेश दिया गया है।

 एक अन्य मामले में स्थानीय निकाय विभाग में शिकायत के बाद जांच कराई गई तो कनीना के तत्कालीन नगरपालिका सचिव रोहताश के विरुद्ध प्राथमिक तौर पर दोष साबित होने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया।

 चरखीदादरी जिले के बौंद खण्ड के बीडीओ सुभाष शर्मा को समय पर जवाब नहीं देने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

 जिला गुरुग्राम में 40 हजार वर्ग गज सरकारी भूमि पर मिलीभगत करके बिल्डर का कब्जा कराने की जांच के चलते सहायक रजिस्ट्रार (सहकारी सोसायटी) सतीश रोहिल्ला और ऋषि कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ ही रूल 7 के तहत कठोर कार्रवाई का आदेश दिया गया।

 सिरसा जिले की डबवाली तहसील के अलीकां की पैक्स में  अधिकारियों द्वारा 1.10 करोड़ का  गबन करने के मामले में फरार चल रहे अधिकारियों के खिलाफ सम्बन्धित पुलिस अधीक्षक को स्पेशल टीम बनाकर जांच करने का आदेश जारी किया गया। साथ ही आगामी जांच के लिए मामला स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को भी भेजे जाने का निर्देश दिया गया।

 रोहतक के मामले में पानी की होदी को स्वीमिंग पूल दर्शाकर फर्जी रिपोर्ट देने पर डीटीपी मनदीप सिहाग के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए नगर योजनाकार विभाग के निदेशक को निर्देश दिया गया।

 गुरुग्राम के सेक्टर 18 के मामले में गलत कैलकुलेशन करके प्रोपर्टी डीलर को फायदा पहुंचाने के मामले में तत्कालीन एस्टेट ऑफिसर भारत भूषण गोगिया के खिलाफ रूल 7 के तहत चार्जशीट करते हुए विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। साथ ही सम्बन्धित डीलर से राशि की ब्याज सहित रिकवरी करने का आदेश भी दिया गया।

 खाद्य आपूर्ति विभाग के एक मामले में अतिरिक्त उपायुक्त पलवल द्वारा की गई जांच में दोषी पाई गई डीएफएससी सीमा शर्मा के मामले में पलवल के पुलिस अधीक्षक को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया।

 समीक्षा बैठक में श्री राकेश गुप्ता एवं मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल के अलावा मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री ध्रुव मजूमदार मुख्य रूप से उपस्थित रहे।