चंडीगढ़, ३ मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने में हरियाणा का अहम योगदान रहेगा, क्योंकि भारत सरकार ने करनाल में एक महत्वाकांक्षी परियोजना च्कॉमन फैसिलिटी सैंटरज् स्थापित करने की योजना को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार की इस स्वीकृति से राज्य में पारंपरिक आयुर्वेदिक उद्योग को एक बड़ा बुनियादी प्रोत्साहन मिला है।
सीएम ने बताया कि हरियाणा सरकार सुक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) विभाग च्क्लस्टर-योजनाज् के तहत प्रदेश में एमएसएमई को बढ़ावा दे रही है। राज्य में सूक्ष्म इकाइयों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए एक दूरदर्शी च्मिनी क्लस्टर योजनाज् लागू की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत ५० से अधिक एमएसएमई-क्लस्टर की पहचान की गई है और उन्हें पूरे हरियाणा में विकसित किया जा रहा है।
श्री मनोहर लाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने करनाल में जिस च्कॉमन फैसिलिटी सैंटरज् स्थापित करने की मंजूरी दी है उस पर करीब १५ करोड़ रूपए खर्च होंगे। इस सैंटर में च्आर्ट हर्बल एक्सट्रैक्शन प्लांटज्, शोध एवं विकास सुविधा, एक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी जिससे करनाल और उसके आसपास के २०० से अधिक सूक्ष्म और छोटे आयुर्वेदिक उत्पादों का विनिर्माण करने वाली इकाइयों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि यह भारत सरकार द्वारा एमएसएमई फ्लैगशिप योजना के तहत अनुमोदित अपनी तरह की पहली क्लस्टर परियोजना है। उन्होंने बताया कि यह च्कॉमन फैसिलिटी सैंटरज् स्थापित होने से गुणवत्ता वाले आयुर्वेद उत्पाद जैसे इम्युनिटी बूस्टर टैबलेट, सिरप, मलहम, क्रीम, तेल, व्यक्तिगत स्वच्छता के उत्पादों के उत्पादन में मदद मिलेगी। यही नहीं इन गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का निर्यात होने से संबंधित सूक्ष्म और लघु इकाइयां और अधिक सशक्त बनेंगी। उन्होंने बताया कि च्कॉमन फैसिलिटी सैंटरज् की इस परियोजना से ५०० से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार उत्पन्न होने की भी उम्मीद है।
भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के सचिव श्री बी बी स्वैन ने भी हरियाणा सरकार द्वारा एमएसएमई के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है और उम्मीद जताई कि राज्य में च्कॉमन फैसिलिटी सैंटरज् स्थापित होना पूरे देश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।