चण्डीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के मकसद से 2021-2022 के बजट में हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का इरादा जाहिर किया है। साथ ही, सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के लाभ आठ अतिरिक्त श्रेणियों को प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए धनराशि पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इन श्रेणियों में व्यापक कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थी, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत पंजीकृत परिवार, निर्माण श्रमिक बोर्ड, हरियाणा के मान्यता-प्राप्त मीडियाकर्मी, नम्बरदार, चौकीदार, विमुक्त घुमंतू जाति, और आजाद हिंद फौज में रहे सैनिक, हिंदी आंदोलन से जुड़े परिवार, द्वितीय विश्व युद्ध और आपातकाल के दौरान जेल गए परिवार शामिल हैं। सरकार इस योजना का लाभ 5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों को अनुपातिक आधार पर भी देगी।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज विधानसभा में बजट सत्र के दौरान बतौर वित्त मंत्री बजट अनुमान 2021-22 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 4,606 करोड़ रुपये, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए 2,136 करोड़ रुपये, आयुष के लिए 315 करोड़ रुपये, कर्मचारी राज्य बीमा स्वास्थ्य देखभाल के लिए 238 करोड़ रुपये और खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग के लिए 42 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भिवानी के मौजूदा जिला अस्पताल को अपग्रेड करके डॉ. मंगल सेन मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जा रहा है। इसी तरह, जींद, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जा रहे हैं। इसी तरह, यमुनानगर, कैथल और सिरसा जिलों में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रस्ताव है जबकि महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में कैंसर विज्ञान केन्द्र स्थापित किया जाएगा। राज्य सरकार करनाल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापित करने की प्रक्रिया में है। मेडिकल कॉलेजों के अलावा, राज्य सरकार द्वारा मौजूदा शहीद हसन खां मेवाती राजकीय मेडिकल कॉलेज, नल्हड़, नूंह में एक डेंटल कॉलेज स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, फरीदाबाद, रेवाड़ी, कैथल, कुरुक्षेत्र और पंचकूला जिलों में छ: सरकारी नर्सिंग संस्थान भी स्थापित किए जा रहे हैं।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना-2011 के आधार पर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत वर्तमान में 15.51 लाख परिवार पात्र हैं। अब तक 7.83 लाख परिवारों को कुल 22.96 लाख आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इसके तहत, 2.05 लाख मरीजों को 245.00 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने कोविड महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। इसी कड़ी में, सरकार ने 956 नियमित डॉक्टरों और 206 आयुष चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की है। अब इस वित्तीय वर्ष के दौरान 350 चिकित्सा अधिकारियों और 60 दंत चिकित्सों के नए पद सृजित किए जाएंगे ताकि राज्य को अतिरिक्त स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध करवाए जा सकें।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के सभी जिलों में आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन परीक्षण किटों के माध्यम से व्यापक नमूने लिए जा रहे हैं। अब तक 58 लाख से अधिक नमूने एकत्रित किए जा चुके हैं। कोविड मरीजों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने के लिए पहल करते हुए फरीदाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, रोहतक और करनाल में प्लाज्मा बैंक स्थापित किए। इसमें अब तक कोविड-19 रोगियों से 4856 प्लाज्मा यूनिट एकत्रित की गई हैं और 3291 रोगियों का प्लाज्मा थेरेपी से उपचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए अब हर सिविल अस्पताल में न्यूनतम 200 बैड अवश्य उपलब्ध कराये जाएंगे। सरकार ने आयुष विभाग के अंतर्गत पूरे राज्य में 1000 ‘हेल्थ वेलनेस सेंटर’ स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। इसमें निवारक, प्रोत्साहन, उपचारात्मक, पुनर्वास और व्यापक स्तर की देखभाल सेवाएं प्रदान की जाएंगी। राज्य के लोगों को वेलनेस सेंटर में सभी प्रकार की सुविधाएं जैसे कि योगशाला, ध्यान, शारीरिक व्यायाम के अलावा दवाओं और परीक्षण व जांच सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों कोइनडोर उपचार प्रदान करने के लिए ‘हरियाणा कैशलेस स्वास्थ्य’ योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया है। इसी तरह, ‘मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना’ के तहत, लोगों को 7 तरह की सेवाएं, जैसेकि सर्जरी, प्रयोगशाला परीक्षण, डायग्नोस्टिक्स (एक्स-रे, ईसीजी, और अल्ट्रासाउंड सेवाएं), ओपीडी/इनडोर सेवाएं, दवाएं, रेफरल परिवहन और दंत उपचार सेवाएं नि:शुल्क प्रदान की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य के सभी जिलों में कैथ लैब, एमआरआई, सीटी स्कैन और डायलिसिस सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी तरह, अल्ट्रासाउंड और अन्य डायग्नोस्टिक्स सेवाओं का विस्तार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक किया जाएगा। सरकार प्रत्येक जिला अस्पताल में आईसीयू व प्राइवेट रूम स्थापित करेगी। उपमण्डल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी आईसीयू और डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश में स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, राज्य में अक्तूबर, 2020 तक 95.1 प्रतिशत संस्थागत प्रसूतियां दर्ज हुई है। दिसंबर, 2020 में जन्म पर लिंगानुपात 922 था। मातृ मृत्यु दर एसआरएस 2011-13 में 127 के मुकाबले कम होकर एसआरएस-2016-18 में 91 रह गई। बाल स्वास्थ्य के तहत, हरियाणा में शिशु मृत्यु दर प्रति एक हजार जीवित जन्मों पर एसआरएस 2013 में 41 के समक्ष एसआरएस 2018 में 11 अंक कम होकर 30 रह गई। जीवित जन्मों के समक्ष टीकाकरण कवरेज 101.1 प्रतिशत रहा और 3.09 लाख जीवित जन्मों के लक्ष्य के समक्ष कुल 3.35 लाख बच्चों को पूरी तरह से प्रतिरक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में भारत सरकार की राष्ट्रीय टेली-परामर्श सेवाओं के तहत ऑनलाइन स्टे-होम ओपीडी, ई-संजीवनी ओपीडी शुरू की गई है जो मई, 2020 से लागू है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष विभाग द्वारा लोगों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य जागरूकता सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। कुरुक्षेत्र में अपनी तरह के श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के माध्यम से, राज्य सरकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा शिक्षा सहित आयुष चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित कर रही है। राज्य सरकार द्वारा पंचकूला में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान भी स्थापित किया जा रहा है। राज्य में योग को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से, प्रदेश-भर की विभिन्न योगशालाओं में शीघ्र ही अनुबंध के आधार पर 1000 आयुष सहायकों और 22 आयुष कोच की भर्ती की जाएगी। ईएसआई हेल्थ केयर द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के तहत प्रदेश-भर में स्थित 7 ईएसआई अस्पतालों और 79 ईएसआई औषधालयों सहित तीन आयुर्वेदिक इकाइयों और एक मोबाइल डिस्पेंसरी के माध्यम से 28.09 लाख बीमित व्यक्तियों और उनके आश्रित सदस्यों को व्यापक चिकित्सा सेवाएं और सुविधाएं प्रदान की जा रही है।