चण्डीगढ़, 12 मार्च - हरियाणा के श्रम विभाग के लिए बजट अनुमान 2021-22 में 1,823 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है। इसमें से 868 करोड़ रुपये कौशल विकास, 884 करोड़ रुपये रोजगार और 71 करोड़ रुपये श्रम के लिए के लिए हैं। बजट अनुमान 2021-22 में 1,823 करोड़ रुपये का परिव्यय संशोधित अनुमान 2020-21 के 1,296 करोड़ रुपये पर 40.7 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए विधानसभा में दी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश में औद्योगिक शांति एवं सौहार्द बनाए रखने और श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उद्योगपतियों सुविधा और व्यापार सुधार कार्य योजना,2020 के अनुपालन में, सरकार ने विभिन्न श्रम कानूनों के तहत लाईसेंसों के स्वत: नवीनकरण का प्रावधान किया है। इसके अलावा, सरकार ने कारखाना अधिनियम, 1948 संशोधित किया है और बिजली से चलने वाले एवं 20 तक श्रमिकों वाले कारखानों के साथ-साथ ऐसे कारखाने जिनकी प्रक्रिया बिजली पर निर्भर नहीं हैं और जिनमें 40 तक श्रमिक हैं, को छूट दी गई है। कार्य करने के आवेरटाइम घण्टों में संशोधन करते हुए इसे 75 घण्टे के वर्तमान प्रावधान के बजाय 150 घंटे किया गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड और हरियाणा भवन एवं अन्य सन्नहित कामगर कल्याण बोर्ड के तहत सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जा रही हैं। निर्माण श्रमिकों को आयुषमान भारत योजना के तहत कवर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का लक्ष्य 2021-22 में निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं को न्यूनतम 50,000 नौकरियों से जोडऩा है। उन्होंने कहा कि ‘सक्षम युवा योजना’ के तहत हरियाणा कौशल विकास मिशन प्लेसमेंट सेल के माध्यम से 14,710 सक्षम युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। युवाओं के लिए कैरियर जागरूकता पोर्टल उपलब्ध करवाया जाएगा, जहां युवाओं को वर्तमान योग्यता और कौशल के आधार पर कैरियर के विभिन्न अवसरों की जानकारी दी जाएगी। सक्षम युवाओं को निजी क्षेत्र में नियुक्ति हेतु गहन सोच, कार्यस्थल की तत्परता, संचार और सीवी बनाने तथा साक्षात्कार की तैयारी में सहायता जैसे रोजगार कौशलों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस अंत:क्षेप का लाभ अगले एक वर्ष के अन्दर 1.5 लाख सक्षम युवाओं को दिया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित की गई योजना-स्टॉप ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम के तहत वर्ष 2020-21 के दौरान 1610 उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया गया।