चण्डीगढ़, 12 मार्च - श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय देश में अपनी तरह का पहला संस्थान है। इसमें 27 नए कार्यक्रम शुरू किए गए हैं और नेशनल ओपन कॉलेज नेटवर्क (एनओसीएन) के माध्यम से ब्रिटेन के सरकारी अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग के साथ एक समझौता किया है। विश्वविद्यालय की योजना पी.एचडी. के लिए अनुसंधान डिग्री कार्यक्रम संचालित करने की है। यह जानकारी मुख्यमंत्री ने बजट भाषण के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि एसवीएसयू की योजना उद्योगों/संघों के साथ सांझेदारी में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी पद्धति पर पलवल के दुधौला में बनने वाले अपने परिसर में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की है। एसवीएसयू द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्र 2021-22 से दुधौला परिसर में अपने अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी, प्रबंधन अध्ययन एवं कृषि कार्यक्रमों के तहत अप्रेंटिसशिप/इंटर्नशिप एम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम भीशुरू किया जाएगा। एसवीएसयू की योजना विश्वकर्मा कौशल रथ' के नाम से एक मोबाइल आईटी लैब डिजाइन और विकसित करने की है, जो विद्यार्थियों/जन-साधारण को कौषल प्रदान करने के लिए प्रदेष-भर में विभिन्न नामित स्थानों पर जाएगी।
फीडर स्कूल किया जाएगा शुरू
बच्चों को कौशल आधारित शिक्षा के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करने के लिए, विश्वविद्यालय द्वारा नौवीं कक्षा से आगे के विद्यार्थियों को दाखिला देने के लिए सीबीएसई से संबद्ध एक 'फीडर स्कूल' शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा च्शिल्पकार प्रशिक्षण योजनाज् के तहत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। वर्ष 2020-21 के दौरान (31 दिसम्बर, 2020 तक) राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आयोजित 470 कैम्पस प्लेसमेंट कार्यक्रमों के माध्यम से 8012 प्रशिक्षुओं को रोजगार दिया गया। सत्र 2021-22 के दौरान सिकरोना (फरीदाबाद), इन्द्री (करनाल) और जीवन नगर (सिरसा) में 3 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आरम्भ किए जाएंगे। स्ट्राइव परियोजना के दूसरे चरण में 5 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का चयन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नई च्दोहरी प्रशिक्षण प्रणालीज् के तहत 64 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और 165 उद्योगों के बीच 244 व्यवसाय इकाइयों के लिए एमओयू किया गया है और 5148 सीटों पर प्रवेश की पेशकश की गई है। विश्वयुवा कौशल दिवस पर 15 जुलाई, 2020 को 6 दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली (डी.एस.टी.) उद्योग भागीदारों को सत्र 2019-20 में नामांकित डी.एस.टी. प्रशिक्षुओं को शत-प्रतिशत प्लेसमेंट प्रदान करने के लिए च्सक्षम साथीज् के रूप में सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा कौशल विकास मिशन द्वारा संकल्प परियोजना (आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अभिग्रहण और ज्ञान जागरूकता) के तहत राज्य के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया जाएगा। मिशन के तहत हरियाणा के युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुता अधिनियम, 1961 के तहत, 1,08,679 प्रशिक्षुओं को नियुक्त किया गया है और वर्ष 2016 में राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के शुभारंभ के बाद से कुल 12,924 सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों को पंजीकृत किया गया है। वर्ष 2017-18 में राज्य की प्रति लाख जनसंख्या पर अधिकतम प्रशिक्षुओं को लगाने में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर रहा। सभी सरकारी विभागों और एसपीएसयू को उनकी कुल मानवशक्ति के 10 प्रतिशत तक प्रशिक्षुओं को लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।