चंडीगढ़ 18 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वर्ष 2025 तक लागू कर दिया जाएगा। इस विषय में राज्य सरकार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को सूचित भी कर दिया है।
मुख्यमंत्री आज विधानसभा में कांग्रेस विधायिका श्रीमती गीता भुक्कल द्वारा कुछ सरकारी स्कूलों को बंद करने के मामले में उठाए गए मुद्दों पर बोल रहे थे।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति वर्ष 2030 तक लागू की जानी है। प्रदेश में शिक्षा के बेहतर प्रबंधन को देखते हुए हम इसे पांच साल पहले ही प्रदेश में लागू कर देंगे।
उन्होंने कहा कि चाहे अध्यापक भर्ती की बात हो डॉक्टर या इंजीनियर लगाने का मामला हो उसके लिए एक लंबी प्लानिंग की आवश्यकता होती है। एक समय था जब इंजीनियर की डिमांड बहुत ज्यादा थी। आज उसमें कमी आई है। आज के दौर में डॉक्टर्स की बहुत अधिक जरूरत है। हालांकि यह पहले भी थी पर आज और भी ज्यादा है। इसलिए अब हम प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने पर अत्यधिक फोकस कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हालांकि जेबीटी अध्यापकों की पद स्वीकृत हैं लेकिन उनकी मांग में कहीं न कहीं कमी आई है। इसका कारण पिछली सरकार की नीतियां भी रही हैं। जो गेस्ट टीचर भर्ती कर कांग्रेस सरकार छोड़ गई थी और वो मामला बाद में सुप्रीम कोर्ट तक गया जिसके कारण भी यह हुआ है। उन्होंने बताया कि हमने अपने पिछले कार्यकाल में गेस्ट टीचर्स की नौकरी को बनाये रखने के लिए विधानसभा में एक्ट पास करके उनकी सेवाओं को 58 साल तक सुनिश्चित किया है। इसके साथ ही स्टूडेंट-टीचर अनुपात के देशभर में जो 1:30 के नियम हैं, उसे हमने 1:25 किया है। जब भी अध्यापकों की संख्या कम होगी हम इसे फिर से 1:30 तक ले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अध्यापक पात्रता परीक्षा की वैधता को भी हमने पांच साल से बढ़ाकर सात साल किया है। रोजगार के बेहतर अवसरों के लिए कौशल विकास के कार्यक्रम चलाए हैं और स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना भी की है। आज प्रदेश में 22 डी.आई.ई.टी. संस्थान हैं। अगर जरूरत होगी तो इनकी सीटों को और भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार किसी को अंधेरे में नहीं रखेगी बल्कि रोजगार के बेहतर विकल्प के साथ सबका विकास सुनिश्चित करेगी।
विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आधार बेस एडमिशन शुरू करने के साथ सरकारी स्कूलों में दो लाख से अधिक बच्चों का दाखिला कम हुआ क्योंकि उनके नाम निजी और सरकारी दोनों स्कूलों में चल रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि नियम अनुसार प्रदेश में जहां एक किलोमीटर के दायरे में दो स्कूल संचालित हैं अधिकतर उन्हीं को बंद करने का फैसला लिया गया है। शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाते हुए बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना हमारी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और इसके लिए हम कटिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की विधायिका श्रीमती किरण चौधरी द्वारा खेल कोटे से हरियाणा सिविल सेवा अधिकारी की अपॉइंटमेंट को लेकर उठाए गए एक मामले में सदन में जानकारी दी कि इस विषय में राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार किया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला दिया है कि उक्त उम्मीदवार को ज्वाइन करवाया जाए।