चंडीगढ़, 15 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य वन विभाग अनुभाग (ग्रुप-सी) सेवा नियम 1998 में कार्यकारी संशोधन करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। इन नियमों को अब हरियाणा राज्य वन कार्यकारी अनुभाग (ग्रुप-सी) सेवा (संशोधन) नियम, 2021 कहा जाएगा।
हरियाणा राज्य वन कार्यकारी अनुभाग (ग्रुप-सी) सेवा नियम, 1998 को हरियाणा सरकार द्वारा 17 अप्रैल, 1988 को मुख्य रूप से इन नियमों द्वारा शासित कार्यकारी संवर्ग के विभिन्न पदों पर नियुक्त व्यक्तियों की भर्ती और सेवा शर्तों को विनियमित करने के लिए अधिसूचित किया गया था। वर्षों से, इस अधिसूचना के बाद से, सरकारी नीतियों, पात्रता मानदंड और भर्ती शर्तों के साथ-साथ प्रशिक्षण और सेवा से संबंधित शर्तों में भी कई बदलाव हुए हैं।
अत: कार्यकारी संवर्ग पदों को नियंत्रित करने वाली भर्ती और सेवा शर्तों से संबंधित इन परिवर्तनों को शामिल करने के लिए हरियाणा राज्य वन कार्यकारी अनुभाग (ग्रुप-सी) सेवा (संशोधन) नियम, 2021 को अधिसूचित किया गया है।
नियमानुसार वन रेंजर, डिप्टी रेंजर, फॉरेस्टर एवं फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के माध्यम से की जायेगी।
नियमानुसार, सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त डिप्टी रेंजर एवं फॉरेस्टर को वन विद्यालय में ग्यारह माह की अवधि के लिए और पदोन्नति द्वारा नियुक्ति के मामले में तीन माह की अवधि के लिए फॉरेस्टर प्रशिक्षण लेना होगा।
इसी प्रकार, सीधी भर्ती या पदोन्नति द्वारा नियुक्त वन रक्षकों को वन विद्यालय में साढ़े पांच माह की अवधि के लिए वन रक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।