शनिवार, March 5, 2022

चंडीगढ़, 5 मार्च - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज ‘मुख्यमंत्री शतोउद्यमी सारथी  योजना’ शुरू करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री आज नारायणगढ़ के अम्बेडकर भवन में आयोजित मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना मेले का अवलोकन एवं निरीक्षण करने के उपरांत उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री शतोउद्यमी सारथी  योजना’ नामक इस नई योजना के तहत समाज के पांच अनुभवी व्यक्तियों को हर सौ परिवारों के ऊपर सारथी लगाया जायेगा जोकि इन परिवारों के लिये सारथी बनकर उन्हें आगे बढ़ाने का काम करेंगे और ये लोग यह देखरेख भी करेंगे कि यह परिवार काम कर रहे हैं या नहीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 15 लाभार्थियों को स्वरोजगार से सम्बन्धित बैंक द्वारा उपलब्ध करवाए गये स्वीकृति पत्र व चैक भी वितरित किये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि विभिन्न कामों में अनुभव रखने वाले लोग जैसे कारपेंटर, सुनार इत्यादि अनुभवी लोग आगे आएं और अपने जैसे लोगों को ट्रेनिंग देते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं। ऐसा करने पर सरकार उन्हें प्रमाण पत्र और पैसा भी देगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत गरीबों को केवल लोन देने से काम नहीं चलेगा, उस लोन का फायदा भी लोगों को होना चाहिए। समाज के लोगों को आगे आकर समाज उत्थान में कार्य करना चाहिए। इस योजना के तहत हरियाणा के 15 लाख परिवारों को 1 लाख 80 हजार की वार्षिक आमदनी से आगे बढ़ाने के लिये काम किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने मेले में विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टालों का अवलोकन भी किया।  मुख्यमंत्री ने स्टालों के माध्यम से योजनाओं का लाभ उठाने के लिये यहां पंहुचे पात्र लोगों से बातचीत करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रेरित भी किया। उन्होंने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा बहुत सी कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया गया है और लोग इन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। प्रदेश में हर परिवार सुखी रहे, इसके लिये परिवार पहचान पत्र के माध्यम से मूल्यांकन करते हुए जिस परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है, उन सभी योग्य पात्रों को अंत्योदय मेले के माध्यम से योजनाओं का लाभ दिलाकर स्वाबलंबी बनाने के लिये प्रेरित कर रहे हैं। प्रदेश में हर परिवार का उत्थान करना हमारा लक्ष्य है। कोई भी परिवार गरीब न रहे, इसके लिये निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। सरकार का मुख्य उद्देय बीपीएल की संख्या कम करके एपीएल की संख्या को बढ़ाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नारायणगढ में लगाए गए ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना मेले’ का मकसद गरीब परिवारों को सुखी करने का है। समाज के सभी की भावना ये होनी चाहिए कि जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनका अंत्योदय कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक केन्द्र व राज्यों सरकारों की योजनाओं का केवल बखान ही होता था लेकिन इन योजनाओं का लाभ उन लोगों को नहीं मिलता था जिनके लिए ये योजनाएं बनाई गई थीं। जिससे गरीब अधिक गरीब व अमीर अधिक अमीर होता जा रहा था। यह खाई बढ़ती जा रही थी। उन्होंने कहा कि इस खाई को कम करने के लिये ये मेले आयोजित किये जा रहे हंै।

उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र योजना के तहत समाज के सभी परिवारों का सर्वे करवाया गया और परिवारों के बारे में सभी डाटा एकत्रित किया गया कि परिवारों की जरूरतें और आमदन क्या है। इस योजना के तहत सबसे पहले सबसे कमजोर लोगों की पहचान की गई है तथा अभी तक हरियाणा में ऐसे 11 लाख परिवार पहचान में आए हैं, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है। उन्होंने कहा कि जो सम्पन्न परिवार हैं और समाजसेवा के लिए आगे आकर काम करना चाहते हैं, ऐसे लोगों को भी प्रोत्साहित कर समाज सेवा के लिये प्रेरित किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि लोग अपने काम के लिए पहले मुख्यमंत्री कार्यालय के चक्कर काटते थे लेकिन इस येजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री कार्यालय लोगों के पास आ रहा है। इस योजना के तहत अभी तक 175 जगहों पर मेले लगे हैं जिनमें 90 हजार लोग आए थे। दूसरे चरण में ये मेले  17 मार्च तक चलेंगे और इन मेलों के 10 चरण होंगे। मेलों के दौरान दुकान,कृषि, पशुपालन व अन्य कामों के लिए लोन दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि समाज में कोई गरीब ना रहे। राज्य सरकारें बीपीएल परिवारों के नाम पर केन्द्र से पैसा मांगती है और बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़ाकर दिखाती हैं। यदि समाज में बीपीएल परिवार बढेंगे तो यह सरकार की कमी है। यदि सरकार बीपीएल परिवारों की संख्या को कम करके एपीएल परिवारों की संख्या बढ़ायेगी तो यह सरकार की जीत है। इस योजना के तहत सरकार ही नहीं बल्कि सामाजिक सस्थाएं व कम्पनियां भी आगे आई हैं।