चंडीगढ़, 20 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि नेत्रदान - महादान है। एक व्यक्ति द्वारा दान किए गए उसके नेत्र से किसी अन्य व्यक्ति की जींदगी रोशनी से भर जाती है। इसलिए नेत्रदान के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु विशेष अभियान चलाया जाए। साथ ही, स्कूली बच्चों का वर्ष में कम से कम एक बार हेल्थ चैकअप अवश्य किया जाना चाहिए। इसके अलावा, नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा स्वास्थ्य देखभाल की दृष्टि से अमल में लाई जा रही गतिविधियों, कार्यक्रमों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
मुख्यमंत्री बुधवार देर सायं स्टेट हेल्थ सोसायटी एनएचएम, हरियाणा की 8वीं जनरल बॉडी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री कमल गुप्ता और विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेंद्र बबली भी उपस्थित रहे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला स्तर पर गठित एनएचएम की गर्विनंग और जनरल बॉडी की बैठक वर्ष में कम से कम एक बार अवश्य की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि मुख्यालय से 2-3 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए, जो जिलों में जाकर इन बैठकों का संचालन करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल विभागों में अलग से इंजीनियरिंग विंग स्थापित की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हरियाणा को एनीमिया मुक्त करने के लिए तैयार राज्य कार्य योजना को तेजी से क्रियान्वित किया जाए, ताकि हरियाणा को एनीमिया मुक्त करने के लक्ष्य को जल्द से जल्द हासिल किया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि एक पोर्टल बनाया जाए, जिस पर मरीज कृत्रिम अंगों की आवश्यकता की जानकारी दर्ज करवा सकें।
अस्पतालों में जल्द किचन सुविधा की व्यवस्था की जाए
स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पतालों में किचन सुविधा के लिए तेज गति से कार्य किया जाए, ताकि मरीजों के लिए पोष्टिक आहार मिल पाए। साथ ही मरीजों के साथ आने वाले अटेंडेंट को भी भोजन की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि एनएचएम का हर वर्ष ऑडिट करवाया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट आया है, इसलिए विभाग पूरी सतर्कता बरते।
नेत्र जांच के समय एम्ब्लियोपिया पर विशेष ध्यान दिया जाए
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री कमल गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों के नेत्र जांच के दौरान एम्ब्लियोपिया पर विशेष ध्यान दिया जाए। एम्ब्लियोपिया ज्यादातर डाइगनोज नहीं हो पाता, जिससे बच्चों की आंखों की दृष्टि कमजोर हो जाती है। उन्होंने कहा कि यह एक दृष्टि विकास विकार है, जो बाल्यावस्था और बचपन के दौरान आंखों और मस्तिष्क को प्रभावित करता है, इसलिए इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
एम्स के नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर के सहयोग से 4 जिलों का किया जाएगा सर्वे
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 23 नेत्रदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। करनाल और नूहं में 2 नेत्र बैंक भी स्थापित किए जाएंगे। एम्स के नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर के सहयोग से गुरुग्राम, यमुनानगर, फतेहाबाद और नूहं जिलों का सर्वे करवाया जाएगा, जिसके तहत 20 हजार से अधिक लोगों का नेत्र जांच की जाएगी। इसके अलावा, जल्द ही प्रदेश में ज्योति ऐप भी लॉन्च किया जाएगा।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत हरियाणा के लिए वर्ष 2022-23 के लिए 110 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत
बैठक में बताया गया कि हरियाणा में में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में मजबूती लाने की दिशा में केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत हरियाणा के लिए वर्ष 2022-23 के लिए 110 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस मिशन के तहत कुल 5 वर्ष की अवधि के लिए वित्तीय परिव्यय 685 करोड़ रुपये है। इस 5 वर्षों की अवधि में 17 जिला अस्पतालों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक, 5 मेडिकल कॉलेज में क्रिटिकल केयर ब्लॉक और 22 जिलों में एकीकृत जिला जन स्वास्थ्य लैब की स्थापना की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि एनएचएम के लिए भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 1445.13 करोड़ रुपये के रिसोर्स एनवैलप के विरूद्ध 1443.27 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2023-24 के लिए 1284.14 करोड रुपये के रिसोर्स एनवेलप के विरूद्ध 1012.12 करोड रुपये की राशि हेतू प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इस प्रकार वित्त वर्ष 2022-24 के लिए कुल 2455.39 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
ई-संजीवनी हेल्थ एंड वेलनैस सेंटर की कार्यशैली की लोकसभा में हुई थी सराहना
बैठक में बताया गया कि ई-संजीवनी हेल्थ् एंड वेलनैस सेंटर टेली-कंस्लटेशन सर्विस के तहत पीजीआईएमआर, चंडीगढ़ में एक हब बनाया गया है, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम 24 घंटे टेली-कंस्लटेशन सर्विस के लिए उपलब्ध है। हेल्थ एंड वेलनैस सेंटर के डॉक्टर मरीजों की बिमारी के संबंध में ऑनलाइन माध्यम से सीधे पीजीआई के विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श ले रहे हैं। हरियाणा की इस पहल की केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में प्रशंसा की है।
बैठक में बताया गया कि राज्य में आरएमएनसीएएच + एन सेवाएं प्रदान करने के लिए पंचकूला, पानीपत, फरीदाबाद, सोनीपत, पलवल के सिविल अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज, नूंह में एक छत के नीचे 6 स्पेशलाइज्ड एमसीएच विंग स्थापित किए जाएंगे। एमसीएच के सभी विंगों के ड्रॉइंग को मंजूरी दे दी गई है। एमसीएच पंचकूला और पानीपत में निर्माण कार्य जारी है। एमसीएच फरीदाबाद के लिए टेंडर प्रक्रिया में है।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 5 राजकीय मेडिकल कॉलेज तथा फरीदाबाद, गुरुग्राम और पंचकूला के जिला अस्पतालों में हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) और इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) की स्थापना के लिए भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। एसआरएस 2020 के अनुसार हरियाणा की शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 28 है, जोकि 2013 में 41 थी। इसमें 13 अंकों की उल्लेखनीय रूप से कमी आई है। राज्य में केएमसीयू सहित 24 विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू), 66 नवजात स्टेबलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू), 318 नवजात शिशु देखभाल कॉर्नर (एनबीसीसी) और 11 पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) कार्यरत हैं।
बैठक में बताया गया कि ई-संजीवनी सरकार की राष्ट्रीय टेली-परामर्श सेवाओं के तहत एक ऑनलाइन स्टे होम ओपीडी है जिसे हरियाणा में भी शुरू किया गया है। इस सेवा के तहत लैपटॉप/डेस्कटॉप या एंड्रॉइड स्मार्ट का उपयोग करके कोई भी डॉक्टर से परामर्श ले सकता है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्यी कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलें के साथ-साथ निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों को भी कवर किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके), एक नवोन्मेषी और महत्वाकांक्षी पहल है, जिसमें बाल स्वास्थ्य जांच और प्रारंभिक हस्तक्षेप सेवाओं की परिकल्पना की गयी है। यह चिकित्सीय स्थितियों की प्रारंभिक पहचान और देखभाल तथा सहयोग एवं उपचार के बीच संबंध के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण है। आरबीएसके के तहत 152 सर्जरी की गई हैं।
बैठक में एनएचएम हरियाणा के गैर – सरकारी सदस्य भी शामिल हुए। उन्होंने एनएचएम द्वारा अमल में लाई जा रही गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ महावीर सिंह, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक, स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती जी अनुपमा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के मिशन निदेशक श्री प्रभजोत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।