शुक्रवार, November 25, 2022

चंडीगढ़, 25 नवंबर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले प्रदेश में अव्यवस्था थी, हमने इसको बदलने का काम किया है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान एक लाख से उपर नियमित सरकारी नौकरी पारदर्शिता एवं योग्यता के आधार पर दी गई। इसमें न किसी की पर्ची, न किसी की खर्ची चली है। जबकि विपक्ष की सरकार में नेताओं द्वारा एचएसएससी व एचपीएससी को लिस्ट भेजी जाती थी और उन्हीं लोगों को रोजगार मिलता था।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को करनाल प्रवास के दौरान डॉ मंगलसेन ऑडोटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में कला शिक्षा सहायकों, जिन्हें कौशल रोजगार निगम में ज्वाईन करवाया गया है, को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि युवाओं के आर्थिक शोषण को खत्म करने के लिए कौशल रोजगार निगम का गठन किया गया। यह आउटसोर्सिंग से जुड़ी सेवाओं में ठेका प्रथा बंद करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि अब तक करीब 90 हजार से अधिक कर्मचारियों को इस निगम के माध्यम से समायोजित किया जा चुका है। यह कर्मचारी विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों में आउटसोर्सिंग एजेसियों के माध्यम से लगाए गए थे।

उन्होंने बताया कि दो दिन पहले ही इस निगम के माध्यम से एक क्लिक से ही 2075 टीजीटी व पीजीटी अध्यापकों को नियुक्ति पत्र दिए गए है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार 9870 जेबीटी टीचरों को ज्वाइन कराए बगैर उनका भविष्य अधर में छोड़कर चली गई थी। उनमें से 9670 को ज्वाईन करवा दिया गया है, शेष 200 को भी अगले दो तीन दिन में ही ज्वाईन करवा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ग्रुप सी व डी के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार खत्म कर लिखित परीक्षा का प्रावधान किया गया। प्रदेश में ग्रुप सी व डी पदों की भर्ती के संबंध में लिखित परीक्षा के लिए 90 अंक व अनुभव तथा सामाजिक आर्थिक मापदंडों के लिए अधिकतम 10 अंक निर्धारित किए गए है।

उन्होंने बताया कि पुलिस भर्ती में पारदर्शिता पद्धति लागू की गई है। सरकार द्वारा जिस परिवार में एक भी नौकरी नहीं है, उनको 5 अंक अलग से दिए जा रहे हैं, ताकि उस गरीब परिवार में भी सरकारी नौकरी का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा रोजगार मुहैया करवाने के लिए कौशल प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की गई है। इसके उपरांत विदेशों में भी युवाओं की प्लेसमेंट की जाएगी। इस योजना के तहत एक वर्ष में 1 लाख युवाओं को विदेश भेजने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि जो युवा अपने हुनर के दम पर उद्योग लगाना चाहते हैं, उनको सरकार प्रोत्साहित करेगी तथा निजी औद्योगिक इकाईयों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट हाल ही में ग्रुप सी की भर्ती के लिए लिया गया है, जिसमें करीब 11 लाख युवाओं ने आवेदन किया था, जिनमें से करीब  6.5 लाख युवाओं ने परीक्षा दी। सीईटी की वैधता अगले तीन साल तक रहेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सीईटी टेस्ट हर साल लिया जाएगा और जो बच्चे इसमें सुधार भी करना चाहते हैं वे भी अप्लाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रुप डी के लिए भी जल्द ही कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विजिलेंस के कर्मचारियों की संख्या 7 गुणा बढ़ा दी गई है। इसके अलावा सीएम फ्लाईंग की पॉवर को भी बढ़ाया गया है और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है।

भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि श्री मनोहर लाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो हर वर्ग के लोगों की बात सुनते हैं और उनका समाधान करते हैं। कौशल रोजगार निगम का गठन करके मुख्यमंत्री ने ठेका प्रथा को समाप्त किया और पूरे प्रदेश में निगम रेट को एक समान लागू किया गया।