शनिवार, November 26, 2022

चंडीगढ़, 26 नवंबर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में हर नागरिक का स्वास्थ्य परीक्षण साल में कम से कम एक बार जरूर होना चाहिए। इसके लिए योजना तैयार कर ली गई है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य परीक्षण नामक इस अनूठी योजना का शुभारंभ देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू 29 नवंबर को अपने कुरुक्षेत्र दौरे के दौरान करेंगी।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल शनिवार को दिल्ली के हरियाणा भवन में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल में हर नागरिक का स्वास्थ्य परीक्षण एक बार अवश्य होना चाहिए ताकि उसके शरीर कि कोई भी व्याधि अगर प्रारंभिक दौर में है तो उसका भी पता लग जाए और व्यक्ति का समय पर इलाज हो जाए। उसकी किसी प्रकार की इलाज संबंधी आवश्यकता होगी तो वह भी पूरी हो सके और व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार होने से बच सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा में यह योजना भी अपने आप में अनूठी योजना है जो देश में अभी तक किसी प्रांत में लागू नहीं हुई है।

योजना को लागू करने के संबंध में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इस योजना को पहले चरण में 1.80 लाख रुपये वार्षिक तक की आय वाले अंत्योदय परिवारों से शुरू करेंगे। प्रथम चरण में अंत्योदय परिवारों के सदस्यों के स्वास्थ्य का परीक्षण होगा और उसके बाद अगले चरण में इस योजना को यूनिवर्सल बनाकर सभी प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की जांच करवाई जाएगी।

बजट पूर्व बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री को दिए परामर्श

केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ केंद्रीय बजट पूर्व बैठक के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष की भांति बजट पूर्व सभी प्रदेशों के वित्त मंत्रियों से सुझाव लेने की परंपरा को जारी रखने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण बधाई की पात्र हैं। श्री मनोहर लाल ने कहा कि हमने भी उस बैठक में प्रदेश के विकास का विजन रखते हुए कई सुझाव दिए हैं।

तीन समर्पित कोष स्थापित करेगा हरियाणा, केंद्र भी बनाए तो बेहतर

मुख्यमंत्री ने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस में हरियाणा देश में तीसरे स्थान पर है और उसके साथ - साथ अब हम ईज ऑफ लिविंग की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार का 3 समर्पित कोष स्थापित करने का प्रस्ताव है और केंद्र को भी बनाने चाहिएं, जिसमें एक हरित विकास उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जलवायु एवं सतत विकास कोष। जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और प्रकृति के नुकसान, प्लास्टिक के प्रसार समेत प्रदूषण और कचरे के मामले में पृथ्वी, जिसकी हर संकट से जूझ रही है, नियमित आर्थिक गतिविधियों में इन चुनौतियों से निपटने के लिए मुख्यधारा की रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता है। दूसरा निर्णय -निर्धारण, निवेश और विकास को बढ़ाने हेतु विज्ञान और छात्रवृत्ति को जोड़ने के लिए विश्वविद्यालयों, अन्य शिक्षण संस्थानों तथा सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के आर्थिक उद्यमियों में वैज्ञानिक गतिविधि और छात्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने के लिए अनुसंधान एवं नवाचार कोष की स्थापना और तीसरा वेंचर कैपिटल फंड अर्थात उद्यमिता को बढ़ावा देने और विकासशील बाजार से जुड़ने के साथ-साथ वित्तीय सहायता देकर स्टार्टअप स्थापित करने में युवाओं की सहायता हेतु उद्यम पूंजी कोष। इस कोष से स्टार्ट-अप को मजबूत करने के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी तक पहुंच की सुविधा भी मिलेगी। उस कोष में से जब भी जिस प्रांत को आवश्यकता हो वह धनराशि ले सके। पिछले वर्ष इस फंड के अंतर्गत जो एक लाख करोड़ रुपए की पूंजी का प्रावधान किया गया था, उसमें से 50 वर्ष के लिए ब्याज मुक्त राशि देने की बात कही गई थी। उसमें से हरियाणा को भी 874 करोड़ रुपये  मिला था, जो हमने हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर में निवेश किया है। इस पर भी हमने कहा है कि इस राशि को बढ़ाया जाए और योजना को चालू रखा जाए।

असफल सीपीएसयू की जमीन राज्यों को दी जाए

इसके अलावा जो सीपीएसयू असफल हुई हैं, उनकी जमीन जगह-जगह अलग-अलग प्रदेशों में स्थित है, उस जमीन की एक राशि निर्धारित करके प्रदेश सरकारों को दे दी जाए ताकि उस जमीन का सदुपयोग हो सके। उदाहरण के तौर पर पिंजौर की एचएमटी और गुरुग्राम की आईडीपीएल तथा एचआईएल की जमीन देने की मांग की है। अगर वह जमीन हमें मिलती है तो हम उस पर विकास के कार्य कर सकते हैं।

एनसीआर में प्रदूषण कम करने को सीएनजी-पीएनजी की सप्लाई बढ़ाने की रखी मांग

मुख्यमंत्री ने बताया कि एनसीआर में जितनी औद्योगिक इकाइयां है, जिनमें इंधन के तौर पर कोयला आदि जलाने से प्रदूषण फैलता है, इसलिए नेचुरल गैस, सीएनजी पीएनजी का उपयोग ज्यादा हो, इसके लिए हम सब्सिडी दे रहे हैं। नेचुरल गैस पर वैट का 50 प्रतिशत दे रहे हैं, कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर भी 30 प्रतिशत ग्रांट दे रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार भी सहयोग करें ताकि एनसीआर में पड़ने वाले क्षेत्र में हम प्रदूषण को कम कर सकें। इसके साथ साथ सीएनजी और पीएनजी की सप्लाई बढ़ाने की मांग भी रखी गई है।

धान का एक लाख एकड़ रकबा कम हुआ, दूसरी फसलें बोने के लिए 700 करोड़ का किसानों को दिया प्रोत्साहन

उन्होंने बताया कि हरियाणा में पानी की बचत के लिए 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना चलाई जा रही है। इस योजना पर पिछले वर्ष 700 करोड रुपया लगा है। योजना के तहत धान की बिजाई नहीं करने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ देते हैं तो उसमें भी 700 करोड रुपये की राशि खर्च हुई है, क्योंकि इसमें प्रदेश में एक लाख एकड़ धान को कम करके दूसरी विविधीकरण वाली फसलें उगाई गई है। इन योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार सहयोग करें। उन्होंने कहा कि अगला वर्ष 'मिलेट ईयर' है, उसमें खासकर बाजरा हमारे यहां होता है और बाजरे का एमएसपी घोषित है, लेकिन बाजार का रेट कम होने के कारण हमने उसे भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया है जिसके अंतर्गत 2 वर्षों में लगभग 700 करोड रुपये खर्चा आया है। इसमें भी केंद्र सरकार से सहयोग की मांग की गई है।