मंगलवार, December 27, 2022

चंडीगढ़, 27 दिसंबर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकारी विभागों में जरूरत के अनुसार पदों को तर्कसंगत बनाने के लिए राज्य में राशनलाइजेशन कमीशन गठित किया जाएगा। यह कमीशन हर विभाग में पदों की संख्या को राशनलाइज करेगा।

मुख्यमंत्री आज हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से की जा रही भर्तियों के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे।

मुख्यमंत्री ने सदन को स्पष्ट किया कि ठेकेदारों के माध्यम से आउटसोर्स आधार पर रोजगार दिये जाने के मामलों में कर्मचारियों के शोषण की शिकायतें मिलती थी। कर्मचारियों को शोषण से बचाने के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाया गया। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से अनुबंध आधार पर प्रारंभ में एक साल के लिए रोजगार दिया जाता है, यह कच्ची नौकरी है। हरियाणा लोक सेवा आयोग व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से नियमित भर्ती होने पर इन युवाओं को नौकरी छोड़नी होगी। हालंाकि ये युवा नियमित भर्ती के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि एचकेआरएन के माध्यम से सबसे पहले उच्च शिक्षा वाले को प्राथमिकता मिलती है। उन्होंने कहा कि एचकेआरएन के माध्यम से अभी तक केवल 4 से 5 हजार टीजीटी, पीजीटी भर्ती हुई है और उन्होंने स्वयं 10-10 उम्मीदवारों से बात की है कि उन्हें निगम से संदेश आया है नहीं और उन्हें ज्वाइनिंग के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि इन 4-5 हजार के अलावा जो कर्मचारी पहले से आउटसोर्सिंग के तहत काम कर रहे हैं, उनका डाटा निगम पर पोर्ट किया गया है। हालांकि इस दौरान एक विषय सामने आया कि ठेकेदार ने कितने व्यक्तियों को रखा, कितनो को ज्वाइन करवाया और कितनों का डाटा निगम को दिया। यह जांच का विषय है। अलगे सत्र में यह प्रयास रहेगा कि इस प्रकार का सारा डाटा सदन में प्रस्तुत किया जा सके।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने यह प्रावधान किया है कि कोई भी कर्मचारी अगर उच्च पद पर होने वाली नियमित भर्ती में जाना चाहता है तो उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है, केवल विभाग को सूचित करना है।

उन्होंने सदन को अवगत कराया कि निगम के माध्यम से अब तक की गई भर्तियों में 37 प्रतिशत उम्मीदवार अनुसूचित जाति से संबंधित हैं। इसी प्रकार, बीसी-ए व बीसी-बी के 27.4 प्रतिशत हैं।

एचकेआरएन की ओर से अपनाये जा रहे मानदंड को अब वेबसाइट पर डाला जाएगा, अब उम्मीदवार स्वयं भी अपने अंकों का आंकलन कर सकेगा

श्री मनोहर लाल ने कहा कि निगम की ओर से अपनाये जा रहे मानदंड को अब वेबसाइट पर डाला जाएगा। इस मानदंड में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना, बीपीएल की 1.80 लाख रुपये की वार्षिक आय और आय समूह को दिये जाने वाले अंक, अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता इत्यादि शामिल है। अब से उम्मीदवार स्वयं भी कट ऑफ मैरिट के अनुसार अपने अंकों का आंकलन कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब जब वे व्यवस्था ठीक करते हैं तो उन्हें तकलीफ होती है कि व्यवस्था ठीक क्यों हो रही है। मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को शायरी अंदाज में कटाक्ष करते हुए कहा कि आइना उठाया न करो, उठाओ तो पहले खुद देखा करो। इसी प्रकार, आईना कहीं भी टूटता है तो नाम मेरा ही आता है, क्या मैं पत्थर हूं, जो मुझ पर ईल्जाम लगाया जाता है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आबादी की दर घट रही है। 0 से 10 वर्ष आयु वर्ग की जनसंख्या की दर 9 प्रतिशत है। इसी प्रकार, 10 से 20 की 12 प्रतिशत और 20 से 30 की 18 प्रतिशत है। जबकि 20 से 60 आयु वर्ग की जनसंख्या 57 प्रतिशत है। इससे साफ जाहिर होता है कि आने वाले समय में स्कूलों में बच्चों की संख्या कम रहने वाली है, तो हमें सिस्टम बदलने होंगे।

उन्होंने कहा कि जेबीटी की सेंक्शन पोस्ट में से आज भी 40 से 50 हजार खाली दिखाई जाती हैं। जबकि जेबीटी लगाने के बाद भी हमारे पास सरप्लस टीचर हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापक-छात्र के 1ः30 के अनुपात को हमने 1ः25 किया ताकि सरप्लस टीचर को एडजस्ट किया जा सके। कहीं-कहीं तो प्राथमिक विद्यालयों में पीआरटी 2 हैं और विद्यार्थी 5 से 10। ऐसे हमने 145 स्कूलों को बंद भी किया है, जहां विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम थी। ऐसे स्कूलों के विद्यार्थियों को हमने नजदीक के स्कूलों में समायोजित किया है। इसके लिए उन्हें परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। इन स्कूलों के भवनों व ग्राउंड को उपयोग में लाया जाएगा। केवल अध्यापकों को नौकरी देना लक्ष्य होने की बजाय बच्चों को शिक्षा मिले, यह लक्ष्य होना चाहिए।

पिछले 8 सालों में 1 लाख नौकरियां दी गई

श्री मनोहर लाल ने कहा कि एक साल में केवल 20 हजार की सरकारी नौकरियां देना संभव हो सकता है, इससे ज्यादा नहीं। हमने पिछले 8 सालों में 1 लाख नौकरियां दी गई हैं और आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा 50 हजार की और भर्ती कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से सरकारी विभागों, निगमों में अनुबंध आधार पर पारदर्शी तरीके से मैनपावर उपलब्ध करवाई जा रही है। साथ ही, कोई निजी कंपनी, एजेंसी को भी यदि मैनपावर की आवश्यकता है, वो भी हरियाणा कौशल रोजगार निगम को मांग भेज सकती है। सरकार ने पारदर्शी तरीके से ऐसी व्यवस्था बनाई है, जिसमें युवाओं को ईपीएफ, ईएसआई का लाभ मिलना भी सुनिश्चित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने सदन में विपक्ष के नेता श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनौती देते हुए कहा कि 90 विधायकों में से किसी भी विधायक का रिश्तेदार एचकेआरएन के माध्यम से दी गई नौकरियों में आया है तो वे सदन में बताएं। इन नौकरियों में भाई-भतिजावाद नहीं चला है। हमने गरीब परिवारों व जरूरतमंदों को नौकरियां देने का काम किया है, ताकि वे अपना जीवनयापन कर सकें।

उन्होंने कहा कि पहले विपक्ष बार-बार कहता है कि हम आएंगे तो पीपीपी को खत्म कर देंगे, पोर्टल बंद कर देंगे, मैरिट फाड़ देंगे। श्री मनोहर लाल ने कहा कि हम भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे और हमने इतना काम कर दिया है कि विपक्ष को तकलीफ हो रही है कि व्यवस्था ठीक क्यों हो गई है। क्योंकि इनके सहारे जो कमीशन खाने वाली फौज और दलाली करने वाले थे, वे अब बेरोजगार हो गए हैं और उन बेरोजगारों की और लाइनें लगने वाली हैं।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले यही व्यवस्था निजी एजेंसी के माध्यम से चल रही थी, जहां से सरकारी विभाग, निगम और प्राइवेट कंपिनयां भी मैनपावर लेती थी। यदि यही व्यवस्था सरकार ने एक प्लेटफॉर्म बनाकर की है, तो इसमें गलत क्या है।

मुख्यमंत्री ने विधायकों से निवेदन किया कि परिवार पहचान पत्र में आय सत्यापन से संबंधित यदि कोई गड़गड़ी है तो वे अतिरिक्त जिला उपायुक्त के पास जाकर त्रुटि को ठीक करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पीपीपी में आय सत्यापन के आधार पर बीपीएल सूची में 9 लाख लोगों का नाम कटा है और 12 लाख नये लोगों का नाम जोड़ा गया है।

सरकार ने ओवरसीज प्लेसमेंट सेल बनाया

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ओवरसीज प्लेसमेंट सेल बनाया है। इसके तहत, युवाओं को विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए उन्हें विदेशों में भेजने के लिए सरकार की ओर से सहायता प्रदान की जा रही है। अभी तक प्राइवेट लोगों द्वारा गलत तरीके से युवाओं को विदेशों में भेजा जाता है, फिर कबूतरबाजी के मामले सामने आते हैं। इसलिए सरकार ने एक प्लेटफॉर्म दिया है, ताकि युवा इसका लाभ उठाकर विदेशों में रोजगार के अवसर ढूंढ सकें।