चंडीगढ़, 9 जनवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले 8 वर्षों से सुशासन की विचारधारा पर चलते हुए गरीब से गरीब व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं। सुशासन के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2023 को अंत्योदय आरोग्य वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। गरीब परिवारों की चिंता करते हुए राज्य सरकार ने बीपीएल परिवारों की आय सीमा को 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये किया है और हरियाणा देश का पहला राज्य, जिसने बीपीएल आय के मानदंड को बदला है। इसके फलस्वरूप, बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़कर लगभग 29 लाख हो गई है।
मुख्यमंत्री ने आज यहां प्रेस वार्त्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पीपीपी के माध्यम से ऑटोमेटिक राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है। बीपीएल आय के नये मानदंड के अनुसार 12 लाख नये परिवारों का नाम बीपीएल सूची में जुड़ा है। उन्होंने कहा कि गलत ढंग से किसी का राशन कार्ट नहीं काटा गया है। हमारी मंशा गलत नहीं है, लेकिन गरीब को उसका हक मिले, यही हमारा उद्देश्य है।
इस बारे ब्यौरा देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 1.32 लाख परिवार ऐसे हैं, जो इनकम टैक्स रिर्टन भरते हैं। 51,489 सरकारी व अनुबंधित कर्मचारी हैं। इसी प्रकार, 2119 सरकारी पेंशनधारक हैं। 1.80 लाख रुपये से अधिक आय वाले 3,44,821 परिवार हैं, जिनके नाम बीपीएल सूची से बाहर हुए हैं। इनके द्वारा कोई शिकायत आने पर आय का दोबारा सर्वे किया जा सकता है।
इसके अलावा, 2 लाख औद्योगिक श्रमिक तथा 4 लाख रुपये से अधिक फसल बिक्री करने वाले 7,416 किसानों का भी डाटा हमारे पास आया है। इन दोनों श्रेणियों का दोबारा सर्वे किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन परिवारों का सालाना 9 हजार रुपये से अधिक बिजली बिल आता है, ऐसे 2,27,000 परिवारों का नाम भी बीपीएल सूची से बाहर हुआ है।
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश जारी किये गए हैं कि राशन कार्ड से संबंधित हर प्रकार की शिकायत का 15 दिन में समाधान किया जाए। यदि निर्धारित समय में उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाता, तो उन्हें इस माह का राशन मिलेगा।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि जिनका नाम बीपीएल सूची से बाहर हुआ है, ऐसे नागरिक 18001802087 और 1967 टोल फ्री नंबरों पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं, उनकी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अंत्योदय परिवारों के लिए चिरायु हरियाणा योजना भी चलाई गई है। ऐसे लगभग 29 लाख परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये तक के मुफ्त ईलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस पर राज्य सरकार का लगभग 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, अतिरिक्त निदेशक श्री विवेक कालिया भी उपस्थित रहे।