चण्डीगढ, 24 जनवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सभी विभाग विभिन्न विकासात्मक क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर प्रोगिसिव प्लान बनाकर कार्य करें ताकि वर्ष 2047 तक अग्रणी, आधुनिक, आत्मनिर्भर एवं पूर्ण रूप से विकसित हरियाणा बनाने के दिशा में कारगर कदम उठाएं जा सके।
मुख्यमंत्री आज यहां लर्निंगस फ्राॅम दी सेकिण्ड नेशनल सीएस कान्फ्रेस की अध्यक्षता कर रहे थे। कान्फ्रेंस में उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, गृहमंत्री श्री अनिल विज, परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा, कृषि मंत्री श्री जे पी दलाल, स्थानीय शहरी निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता, विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेन्द्र सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री ओमप्रकाश यादव, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा, श्रम मंत्री श्री अनूप धानक, प्रिटिंग एण्ड स्टेशनरी मंत्री श्री संदीप सिंह भी उपस्थित रहे।
कान्फ्रेंस में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सुक्षम, लघु एवं मध्यम उद्योगों पर बल देने, इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड इन्वेस्टमेंट, विनियामक अनुपालन को कम करने, जीएसटी, समावेशी मानव विकास, न्यूट्रीशन एण्ड मैटरनेल, चाईल्ड एण्ड एडोलसेंट हैल्थ, महिला सशक्तिकरण, स्किल डिवेलेपमेंट, कौशल परिस्थिति तन्त्र का विस्तार, वोकल फाॅर लोकल, मोटे अनाज का उपयोग वर्ष 2030, विश्व स्तरीय भौगोलिक चुनौतियां आदि विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसके अलावा मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने जनवरी माह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ राज्यों के मुख्य सचिवों की आयोजित वर्चुअल कान्फ्रेंस की साराशं रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। कान्फ्रेंस में राज्य की मिनी क्लस्टर योजना पर लघु फिल्म दिखाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विभाग ऐसी योजनाएं बनाकर उनकी हर माह समीक्षा करें और उनका ग्र्रासरूट तक सही क्रियान्वयन करें जिससे हर व्यक्ति को उनका भरपूर लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों का हर प्रकार की बीमारी का उपचार करने के लिए एक पोर्टल बनाया जाए और इसे परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ा जाए। इसके अलावा गरीब युवाओं को ऋण देने के लिए मुद्रा, स्टैण्डअप आदि वितिय योजनाओं के साथ लिंक करवाकर मुख्यमंत्री परिवार अंत्योदय उत्थान योजना से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन तथा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग खण्ड स्तर पर कलस्टर विकसित करंे और रोजगार के अवसर पैदार करने पर फोकस रखें। टैक्सटाईल पार्क विकसित कर और उनमंे इन्फ्रास्ट्रक्चर बढाने करने के लिए योजना तैयार करें। इसके अलावा राज्य में इलैक्ट्रोनिक मैन्यूफैक्चरिंग कल्स्टर को बढावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार की आटो अपील सिस्टम एवं शिकायत निवारण व्यवस्था को बेहतर माना है। इससे पहले भी सरकार की कई योजनाओं की सराहना की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक खण्ड एक उत्पाद योजना 45 खण्डों में स्वीकृत की जा चुकी है। पदमा योजना के तहत 143 खण्डों में 10 हजार उद्योग लगाए जा रहे है। राज्य में गीले और सूखे कचरे के जैविक प्रबंधन के लिए रोडमेप तैयार किया जा रहा है जिसके तहत कचरे को अलग अलग करके प्रोसेंसिंग युनिट लगाई जाएंगी। पंचकूला, रोहतक में तीन बायो सीएनजी प्लांट लगाए जा रहे है।
समावेशी मानव विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जन्म से 6 वर्ष आयु के बच्चों की हर प्रकार की जानकारी एकत्रित की जाए। इसके अलावा 6 से 18 वर्ष आयु के बच्चों की स्कूल शिक्षा, 18 से 25 वर्ष आयु के युवाओं की उच्चतर शिक्षा एवं 25 से 60 साल तक आयु के लोगों के लिए रोजगार विभाग द्वारा अलग अलग रूपरेखा तैयार की जाए। इसी प्रकार ई उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 2058 हैल्थ एण्ड वेलनैस सैंटर बनाए गए है। महिलाओं को सशक्त करने और उनकी भागीदारी बढाने पर बल दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कौशल वृद्वि के लिए एक्सीलेंस सेंटर बनाए जा रहे है। इनमें उच्च स्तर के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी। राज्य में जल्द ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना लांच की जाएगी जिसके तहत इन्टरप्न्योरशिप को बढावा दिया जाएगा। गुरुग्राम में वल्र्ड स्कील सैंटर बनाया जा रहा है। इसके अलावा कान्फ्रेंस में जी-20 को लेकर हरियाणा में किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई।
कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, एसीएस श्री टी वीएसएन प्रसाद, श्री आनन्द मोहन शरण, श्रीमती जी अनुपमा, प्रधान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।