मंगलवार, June 27, 2023

चंडीगढ़, 27 जून : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की घोषणा के दो दिन बाद ही बल्लभगढ़ से पलवल की मेट्रो कनेक्टिविटी के लिए धरातल पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति के बाद मेट्रो प्रोजेक्ट की टैक्नो फिजिबिलिटी स्टडी के लिए 26 जून को आदेश जारी हुए और आज से इस पर काम भी शुरू हो गया। एक टीम जिसमें एचएमआरटीसी के प्रधान सलाहकार श्री एस.डी. शर्मा, राइट्स के एसडीजीएम श्री राज किशोर, राइट्स की प्रबंधक सुश्री नेहा गंभीर और डीआईपीआरओ फरीदाबाद कार्यालय से श्री सन्नी दत्ता शामिल हैं, ने बल्लभगढ़ से पलवल तक प्रस्तावित एमआरटी कॉरिडोर का आज मंगलवार को दौरा किया। इस कॉरिडोर की कुल लंबाई लगभग 24 किलोमीटर है। बल्लभगढ़ से पलवल तक कॉरिडोर पर स्टेशनों की संभावित संख्या 10 प्रस्तावित है। कॉरिडोर सेक्टर 58-59, सीकरी, सोफ्ता, पृथला, बघौला, आल्हापुर और पलवल के औद्योगिक क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए एमआरटी प्रणाली के विकल्पों का अध्ययन किया जाएगा। एनएचएआई और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा के बाद एलाइनमेंट तय किया जाएगा। बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन, बल्लभगढ़ बस स्टैंड, राजा नाहर सिंह मेट्रो स्टेशन और पलवल बस स्टैंड के साथ एकीकरण की योजना बनाई जाएगी। परिवहन परामर्श और इंजीनियरिंग क्षेत्र में अग्रणी कंपनी राइट्स लिमिटेड द्वारा आगामी कुछ दिनों में इस रूट की टैक्नो फिजिबिलिटी स्टडी पूरी कर ली जाएगी। इसके अलावा पलवल के लिए कंप्रीहैंसिव मोबिलिटी प्लान भी तैयार किया जा रहा है।

यह एलिवेटेड मेट्रो रूट होगा और इस पर 180 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर की अनुमानित लागत आएगी। पूरे प्रोजेक्ट पर 4320 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट को अप्रूवल के लिए हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचएमआरटीसी) के पास भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में जल्द ही बोर्ड की बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।  

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने रविवार को पलवल जिला के गांव गजपुरी में फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की गौरवशाली भारत रैली के दौरान इस मेट्रो प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। घोषणा के तुरंत बाद संबंधित विभागों ने इस पर अमलीजामा पहनाने का काम शुरू किया और अब काम धरातल पर भी दिखने लगा है। इस प्रोजेक्ट से बल्लभगढ़ और पलवल के बीच बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी और क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।