गुरूवार, July 6, 2023

चंडीगढ़, 5 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित किया जाएगा। इसके बनने के बाद एक ओर जहां अरावली पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर गुरुग्राम व नूंह क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को 7 दिन के अंदर-अंदर सभी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री आज यहां नई दिल्ली में अरावली सफारी पार्क के संबंध में समीक्षा बैठक करने के उपरांत मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम और नूंह जिलों में अरावली क्षेत्र में 10,000 एकड़ भूमि को जंगल सफारी पार्क के लिए चिह्नित किया गया है। आज की बैठक में कई विषयों को लेकर विचार-विमर्श किया गया है। जंगल सफारी पार्क को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा और पहले चरण को पूरा करने के लिए लगभग 2 साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि जैव विविधता पार्क अवधारणा के अनुरूप एक सफारी पार्क विकसित करने की परिकल्पना को पूरा करने के लिए अरावली सफारी पार्क परियोजना के विकास हेतु डिजाइन परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए 2 चरण की निविदा प्रक्रिया अपनाई गई है। इस प्रक्रिया में ऐसी सुविधाओं के डिजाइन व संचालन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाली दो कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया। आज एक कंपनी द्वारा इस पार्क को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया गया था। जल्द ही पीएमसी का चयन कर लिया जाएगा।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि इस जंगल सफारी में सभी प्रकार के जानवर तथा पक्षियों की प्रजातियाँ जंगल सफारी में लाने का प्रयास है। वन्यजीवों की स्वदेशी प्रजातियों के अलावा हमारी जलवायु में रह सकने वाले विदेशों से लाए जा सकने वाले जानवरों पर भी अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर झील की तरह माइग्रेटिड बर्ड के लिए झील की व्यवस्था हो, इस पर भी चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जंगल सफारी पार्क विलुप्त होती प्रजातियों को सं‌रक्षित कर बचाने का भी केंद्र होते हैं। हमारा भी यह प्रयास है कि ऐसी प्रजातियों को सफारी पार्क में संरक्षित रखा जाए।

राखी गढ़ी संग्रहालय का डिजाइन लगभग फाईनल, जल्द नियुक्त होगी पीएमसी

श्री मनोहर लाल ने कहा कि राखीगढ़ी में म्यूजियम बनाने को लेकर भी आज बैठक की गई, जिसमें राखीगढ़ी की पुरानी सभ्यता को सुरक्षित रखना व उस स्थल को विकसित करने इत्यादि विषयों को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के ‌साथ मिलकर हरियाणा सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने साइट संग्रहालय और राखीगढ़ी गांव के भीतर पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए योजना का प्रस्ताव तैयार किया है, जो लगभग फाइनल हो चुका है। बैठक में विभिन्न विषयों की टाइमलाइन तय की गई है। पीएमसी नियुक्त करने के लिए 15 जुलाई तक टेंडर होगा और 15 अगस्त तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। दिसंबर माह तक तक संग्रहालय की शुरुआत हो सके, इसके लिए सभी संबंधित विभागों को तेजी गति से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा छोटा राज्य है, लेकिन यहां पुरातत्व से जुड़ी हुई चीजें सबसे ज्यादा पाई जाती हैं। सरस्वती काल की सभ्यता के अवशेष भी हरियाणा के कई स्थानों पर हैं। इन सबको भी संरक्षित व सुरक्षित रखने के लिए सरकार प्रयासरत है।

आज जनता महसूस करती है कि जिस तरह की शासन व्यवस्था अब उन्होंने देखी हैं, पहले कभी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी

एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में आज जनता महसूस करती है कि जिस तरह की शासन व्यवस्था अब उन्होंने देखी हैं, पहले कभी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि इस प्रकार की व्यवस्‍थाएं भी बनेंगी। आज हर वर्ग को महसूस होता है कि हमारी आवश्यकताओं की जानकारी होते ही सरकार उनकी डिलीवरी उनके घर द्वारा पर देती है। जनसंवाद कार्यक्रमों के माध्यम से लोग हमें बता रहें हैं कि वर्तमान राज्य सरकार पारदर्शी ढंग से बिना किसी भेदभाव के पात्र व्यक्तियों को उनके अधिकार दे रही है। पहले की सरकार नौकरियों बांटती थी, जबकि अब युवा अपनी योग्यता के आधार पर हमसे नौकरी लेकर जाते हैं।

बैठक में विदेशी फर्म के कंसलटेंट नीदरलैंड के एलेक्जेंडर काओराड बरोवर, गोंजालो फरनांडिज होयो, सौरव भयैक ने अपनी प्रेजेंटेशन दी। बैठक में पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, अतिरिक्त प्रधान सचिव व सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री राजीव जेटली, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पीसी मीना, मुख्य वन संरक्षक, उत्तर प्रदेश सरकार श्री संजय श्रीवास्तव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक श्री एसपी यादव, हरियाणा पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव श्री एमडी सिन्हा, हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक श्री नीरज कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।