चंडीगढ़, 29 जुलाई - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि बेटियां देश व समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाती हैं। समाज में लडक़ा लडक़ी के भेदभाव को समाप्त करने, लिंगानुपात में सुधार लाने, स्कूलों में बालिकाओं के नामांकन व लड़कियों द्वारा पढ़ाई बीच में छोडऩे की प्रथा को खत्म करने तथा लड़कियों को स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से बेटियों के लालन-पालन शिक्षा व कैरियर के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। इसी कड़ी में सरकार ने आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना शुरू की। अब तक 4 लाख 30 हजार 278 लड़कियों को इस योजना का लाभ मिला है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति तथा गरीब परिवारों को पहली, दूसरी व तीसरी बेटी के जन्म पर 21,000 रुपये तथा अन्य सभी परिवारों को दूसरी व तीसरी बेटी के जन्म पर 21,000 रुपये की राशि दी जाती है। यह राशि बेटी के नाम भारतीय जीवन बीमा निगम में एकमुश्त जमा करवाई जाती है। लडक़ी की आयु अठारह वर्ष होने पर उसे लगभग 1 लाख रुपये की राशि मिलेगी।
मुख्यमंत्री आज रेवाड़ी से ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना के लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे।
लाथार्थियों ने इस अनूठी योजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि हरियाणा सरकार की इस योजना से परिवार को न केवल वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है, बल्कि संबल भी हासिल हुआ है। लाभार्थियों ने कहा कि बेटी जब 18 वर्ष की होती है तो उसकी तकनीकी अथवा उच्चतर शिक्षा या शादी के लिए काफी पैसे की जरूरत पड़ती है। आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना के तहत मिलने वाली राशि उस समय हमारे लिए मददगार साबित होगी।
संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लाभार्थियों को उनके बॉन्ड की लिखित सूचना दी जाएगी कि कब पैसा जमा कराया और कितना पैसा जमा कराया है।
बेटियों को बचाने, पढ़ाने और आगे बढ़ाने वाले माता-पिता समाज के अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक
श्री मनोहर लाल ने कहा कि बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले माता-पिता से आज बातचीत करते हुए बड़ी खुशी हो रही है। बेटियों को बचाने, पढ़ाने और आगे बढ़ाने का काम सराहनीय तो है ही, समाज के अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक भी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से राष्ट्रव्यापी अभियान बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ शुरू किया था। राज्य सरकार के साथ-साथ खाप पंचायतें, धार्मिक, सामाजिक संस्थाएँ, गृह विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर कार्य किया। परिणामस्वरूप लिंगानुपात में सुधार हुआ, जो पहले 870 के आसपास था, उसमें सुधार करते हुए 923 तक लाए। वर्तमान में भी यह आंकड़ा 917 से 923 के बीच है। यह एक बहुत बड़ी कामयाबी, जो बेटियां पहले गर्भ में मार दी जाती थी, उनको हमने बचाया है। अब लडक़ी के जन्म पर खुशी मनाई जाती है। कुंआ पूजन भी किया जाता है और छठी भी मनाई जाती है।
बेटियां हर क्षेत्र में रच रही इतिहास
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युग में बेटियां अपनी मेहनत और मेधा के दम पर इतिहास रच रही हैं। ज्ञान-विज्ञान का क्षेत्र हो, शिक्षा का क्षेत्र हो, खेल का मैदान हो, राजनीति का क्षेत्र हो या फिर समाज सेवा, महिलाएं आज सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। आज हमारी बेटियां उत्पादन, विनिर्माण और विभिन्न उत्पादों के विपणन का काम पूर्ण दक्षता के साथ कर रही हैं। यही नहीं, बड़े उद्योगों, व्यावसायिक व वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों का संचालन व प्रबंधन बड़ी कुशलता के साथ करते हुए बेटियों ने अपनी बुद्धिमता, योग्यता और क्षमता की छाप छोड़ी है। हाल ही में चन्द्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर इसरो की वैज्ञानिक ऋतु करिधाल भी देश की बेटी है, जिस पर आज पूरा देश गर्व कर रहा है। उन्हें चन्द्रयान- 3 की सफल लेंडिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हरियाणा की बेटियों ने भी अपनी उपलब्धियों से प्रदेश व देश का नाम रोशन किया है। हर परीक्षा परिणाम में हमारी बेटियां अव्वल रहती हैं।
हरियाणा की बेटियों ने प्रदेश व देश का बढ़ाया मान
श्री मनोहर लाल ने बताया कि हरियाणा की बेटियों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने अथाह परिश्रम से प्रदेश व देश का मान बढ़ाया है। प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री सुश्री कल्पना चावला, प्रथम महिला पायलट प्रियंका बेनीवाल, प्रथम महिला बी.एस.एफ. में असिस्टेंट कमांडेट सौम्या, मिग-29 उड़ाने वाली देश की प्रथम सिविलियन मेघा जैन, प्रथम महिला रोडवेज बस चालक पंकज देवी, प्रथम महिला पहलवान ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक, प्रथम महिला पहलवान राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता गीता फौगाट, प्रथम महिला पैरालम्पिक रजत पदक विजेता दीपा मलिक, प्रथम महिला एवरेस्ट पर्वतारोही संतोष यादव, प्रथम महिला वल्र्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डब्लू डब्लू.ई.) रेसलर कविता दलाल, प्रथम महिला अर्जुन पुरस्कार विजेता गीतिका जाखड़, प्रथम महिला भीम पुरस्कार विजेता सुनीता शर्मा, प्रथम महिला मिस वल्र्ड खिताब विजेता मानुषी छिल्लर, हरियाणा की इन बेटियों ने अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल पर प्रदेश को गौरवान्वित करने का काम किया है।
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत दी जातीहै 31,000 रुपये से 71,000 रुपये तक की राशि
श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने बेटी के विवाह के समय भी परिवार की मदद करने के लिए मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना चलाई हुई है। इसके तहत विभिन्न वर्गों के बी.पी.एल. परिवारों को उनकी बेटी के विवाह पर 31,000 रुपये से लेकर 71,000 रुपये तक की शगुन राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना भी चलाई गई है। इस योजना में 10 वर्ष की आयु तक की बालिकाओं का खाता डाकखाने में खुलवा सकते हैं। इसमें प्रति वर्ष 250 रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक की राशि जमा करवा सकते हैं। इस राशि पर 8 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज दिया जाता है। यह राशि भी बेटी के बड़ा होने पर माता-पिता के लिए मददगार बन जाती है।
बेटियों को न केवल बचाना है बल्कि उन्हें स्वावलंबी भी बनाना है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सिर्फ बेटियों को बचाना ही नहीं है, बल्कि उन्हें पढ़ाना भी है, उन्हें स्वावलंबी भी बनाना है और अपने पैरों पर खड़ा भी करना है। इसके लिए उनका शिक्षित होना जरूरी है। इसलिए सरकार ने बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास किये हैं। घर के नजदीक ही उच्चतर शिक्षा प्रदान करने के लिए हर 20 किलोमीटर के दायरे में कॉलेज खोले गये हैं। यही नहीं, छात्राओं के लिए अलग से कॉलेज भी खोले गये हैं। पिछले साढ़े आठ वर्षों में प्रदेश में कुल 72 नये राजकीय कॉलेज खोले गए, जिनमें से 31 लड़कियों के हैं। छात्राओं को अपने घरों से शिक्षण संस्थानों तक आने - जाने के लिए 150 कि.मी. की दूरी तक रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा प्रदान की जा है। इसके अलावा छात्राओं की यात्रा को सुरक्षित करने के लिए छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना के तहत 211 विशेष महिला बसें चलाई गई हैं। इसी प्रकार, बेटियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में 29 महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित किये गये हैं। आई.टी.आई. में पढऩे वाली लड़कियों को प्रतिमाह 500 रुपये का वजीफा भी दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि बी.पी.एल. परिवारों की किशोरियों, महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी पैड उपलब्ध करवाने के लिए महिला एवं किशोरी सम्मान योजना चलाई जा रही है। स्कूलों में भी छात्राओं को सेनेटरी पैड उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कामकाजी महिलाओं के नन्हें बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच पॉलिसी बनाई है। क्रेच में 6 महीने से लेकर 6 साल तक के बच्चों की 8 से 10 घण्टे प्रतिदिन देखभाल की जाएगी।