चंडीगढ़, 17 सितंबर - देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज अपना 73वां जन्म दिवस भगवान विश्वकर्मा को समर्पित करते हुए देश के कामगारों, श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना सहित कई योजनाओं शुभारंभ किया। इस योजना से जरूरतमंद और गरीब वर्ग को लोगों के लोगों को लाभ मिलेगा। योजना के तहत पारंपरिक कार्य करने वाले शिल्पकारों, कारीगरों को प्रशिक्षण, ऋण सुविधा सहित अन्य कई प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने भगवान श्री विश्वकर्मा की जयंती पर श्रमिकों के लिए अनेक योजनाओं की शुरुआत कर सही मायने में श्रमेव जयते को चरितार्थ किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना शुरू करके प्रधानमंत्री ने कारीगरों, श्रमिकों के जीवन में एक नई आशा भर दी है।
भगवान श्री विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर हरियाणा में राष्ट्रीय श्रमिक दिवस को अनूठे रूप से मनाया गया और राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि यह कार्यकम उस धरा पर हुआ, जहां हरियाणा सरकार ने युवाओं को हुनरमंद बनाने हेतु भगवान श्री विश्चवकर्मा के नाम से पलवल में देश की पहली विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। श्री मनोहर लाल ने इस विश्वविद्यालय के माध्यम से हजारों युवक हर साल कौशल प्राप्त कर आगे बढ़ेंगे।
श्रमेव जयते ही श्रम की सही पहचान
श्री मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि श्रम ही जीवन है, अगर कोई व्यक्ति श्रम करना छोड़ देगा, आलसी हो जाएगा तो उसके जीवन में कभी भी खुशहाली नहीं आ सकती है। इसलिए हम हर प्रकार के श्रम करके आगे बढ़ते हैं और जिसके कारण न केवल हमारा व्यक्तिगत भला होता है, बल्कि हम प्रदेश और देश को आगे बढ़़ाने में भी योगदान देते हैं। श्रमेव जयते ही श्रम की सही पहचान है।
2047 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वर्ष 2047 में जब देश को आजाद हुए 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे, तब भारत देश दुनिया की ताकत बनकर उभरेगा। आज भातर दुनिया में पांचवें स्थान पर है और आज से 25 साल के अमृत काल के बाद वर्ष 2047 तक भारत अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुँच जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में देश में औद्योगिक विकास, इनफ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, उसमें बहुत बड़ा योगदान श्रमिकों का है।
श्रमिकों के बिना विकास कभी संभव नहीं
श्री मनोहर लाल ने कहा कि आदिकाल में जब मनुष्य जंगल में रहता था, उस युग को आखिट युग कहा जाता था, जब कोई संस्कृति, सभ्यता नाम की चीजें नहीं होती थी। धीरे धीरे जब सृष्टि विकसित होना शुरू हुई, उस समय श्री विश्वकर्मा जी की भूमिका शुरू हुई। मनुष्य के जीवन में आने वाली कठिनाई को दूर करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु कारीगर, शिल्पकार की भूमिका का आरंभ हुआ। उन्होंने कहा कि आज जो आधुनिक विकास हो रहा है, इसमें सबसे अधिक भूमिका यदि किसी की है तो श्रमिकों की है। श्रमिकों के बिना विकास कभी संभव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भगवान शब्द प्रकृति के पाँच तत्वों से मिलकर बना है। प्रकृति के तत्वों को समेट कर वास्तव में भगवान के स्वरूप में श्री विश्वकर्मा ने जिस नवनिर्माण को शुरू किया, आज उसे श्रमिक आगे बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में 25 प्रतिशत श्रमिक संगठित क्षेत्र में हैं और 75 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र के हैं। राज्य सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए भी लगातार काम कर रही है। प्रदेश में दो श्रम कल्याण बोर्ड बनाए गए हैं। इनके माध्यम से श्रमिकों को विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों का आह्वान किया कि उनके कल्याण हेतु केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें।
इस अवसर पर श्रम राज्य मंत्री श्री अनूप धानक, विधायक श्री नयनपाल रावत, जगदीश नैय्यर, श्री दीपक मंगला, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, श्रम विभाग के प्रधान सचिव श्री राजीव रंजन, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राज नेहरू, उपायुक्त नेहा सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।