चंडीगढ़, 14 नवंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने देश के भविष्य का आधार बनने वाले प्रदेश के युवाओं से सीधा संवाद कर उन्हें जीवन में सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ते हुए सफल होने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि युवा स्वयं पर विश्वास करें और सकारात्मकता बनाए रखें, जीवन में जो भी अवसर प्राप्त हों, उन अवसरों का लाभ उठा कर परिवार, समाज और राष्ट्र के उत्थान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। यही जीवन का सही उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री आज यहां सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ओडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 24 से 25 वर्ष आयु के युवाओं से सीधा संवाद कर रहे थे। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने युवाओं को जीवन में सफल होने के लिए एक 20 सूत्रीय मंत्र दिया।
मुश्किल शब्द को अपने शब्दकोश से निकालना होगा, चुनौती समझ कर करना होगा काम
श्री मनोहर लाल ने कहा कि इस आयु वर्ग में मन में कई प्रकार के विचार उत्पन्न होते हैं, इसलिए जीवन में कुछ भी करने से पहले मन में अवश्य विचार करें। उन्होंने कहा कि जीवन में एक शब्द सबके सामना आता है, वो है मुश्किल। हमें यह मानना है कि मुश्किल कुछ भी नहीं है, बल्कि हमें उसे चुनौती मान कर उसका मुकाबला करना चाहिए, तभी हमें सफलता मिलती है।
जीवन को बाधा दौड़ समझकर मज़बूत व्यक्तित्व बनाना होगा
उन्होंने कहा कि जीवन में बाधाएं आएंगी, लेकिन उन बाधाओं को पार करके आगे बढ़ना होगा। इस आयु में नशे की लत, आपराधिक संगति, दिशाहिनता, हिंसा इत्यादि गलत रास्तों की ओर मन जाने लगता है, इससे बचना है। हमें इन रास्तों से हटकर मज़बूत व्यक्तित्व बनाना होगा। स्वयं को सुरक्षित रखते हुए अन्य को भी सकारात्मक दिशा की ओर प्रेरित करना है। इतना ही नहीं, समाज में जो कमजोर वर्ग है, उसकी भी सुरक्षा करनी है।
दूसरों की नकल न करें, एक ही काम में श्रेष्ठता हासिल करें
श्री मनोहर लाल ने युवाओं से कहा कि हमें दूसरों की नकल नहीं करनी चाहिए। भिन्न जीन और भरण पोषण हमें यूनिक बनाते हैं। हमें चाहिए कि जिस काम में हम अच्छे हैं, उसी में श्रेष्ठ बनें। इसके साथ हमें टीम वर्क सीखना चाहिए। हम अपने स्किल का पूर्ण लाभ तभी उठा पायेंगे जब हममें पीपल-स्किल होगा। छोटे-छोटे काम के लिए भी कई लोगों को मिलकर काम करना पड़ता है।
जीवन में सकारात्मक सोच रखें, उमंग और मन में उत्साह होना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिए। दिल में उमंग और मन में उत्साह होना चाहिए। जिंदगी में कुछ कर गुजरने की ललक होनी चाहिए। हताश होंगे, नेगेटिव सोचेंगे तो कभी भला नहीं होगा। जीवन में सकारात्मक सोच के लिये ज़रूरी है कि हम नियमित योग-व्यायाम करें, आदतें ठीक रखें और नई-नई चीजें सीखते रहें। नई जगहों की यात्रा करें, नये लोगों से मिलें। नित नये अनुभव से हमारा स्वयं में विश्वास मज़बूत होगा, चुनौतियों का मुकाबला हम दृढ़ता से कर पायेंगे।
सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की रखें जानकारी, उनका सदुपयोग कर परिवार समाज और राष्ट्र को आगे बढ़ाने में करें
श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज के युवाओं में जागरूकता होनी चाहिए। आधुनिक डिजिटल इकॉनमी में तरक़्क़ी के अंतहीन अवसर हैं। सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों की भी युवाओं को जानकारी होनी चाहिए और उनका सदुपयोग कर अपने आपको, परिवार को, समाज को और राष्ट्र को आगे बढ़ाना चाहिए। प्रजातंत्र में विरोधियों का काम विरोध करना है, लेकिन किसी की बात केवल सुनने की बजाय स्वयं आज़माकर देखें। उन्होंने कहा कि यदि कोई बात या कोई चीज ठीक नहीं है, तो सरकार को बतायें। हम मिल जुलकर प्रदेश को आगे लेकर जा सकते हैं, जहाँ रोज़गार के अवसर हों, सबके लिए आय के साधन हों।
सोशल मीडिया पर शरारती और नकारात्मक लोगों से बचकर समाज के निर्माण में करना चाहिए काम
मुख्यमंत्री ने युवाओं को सोशल मीडिया के उपयोग और सावधानी के संबंध में बताया कि आज सोशल मीडिया बहुत उपयोगी बन चुका है। लेकिन इसका इस्तेमाल शरारती लोग अफ़रा तफ़री फैलाने में भी करने लगे हैं। हमें उनके बहकावे से बचना है। हमें रास्ते से नहीं भटकना है। उन्होंने कहा कि अपना भाग्य अपने हाथ में है। अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें। ख़तरा उठाने से न झिझके। जो अपना समय, साधन और प्रभाव आपके लिए खर्च करते हैं, उनके प्रति कृतज्ञता का भाव रखें। नए विचारों को अच्छा-खराब कहने के बजाय उसे कारगर करने की जुगत भिडाएँ। शोध में ये पाया गया है ऐसा करने से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
उन्होंने कहा कि तरक़्क़ी के लिए दो तरह की करेन्सी इकट्ठी करें। पहला- परफ़ोर्मन्स करेन्सी। अपना काम लोगों की उम्मीद से थोड़ा बेहतर करें। इससे आपकी साख बड़ेगी। दूसरा- रिलेशनशिप करेन्सी, लोगों से अच्छे सरोकार रखें, टीम प्लेयर होकर ही आप जिंदगी में कुछ बड़ा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में खुश रहना सीखने की चीज़ है। खुश आदमी से तात्पर्य वैसे आदमी से है जिसे आनंद, उत्साह और गर्व की ज़्यादा और उदासी, चिंता और गुस्से की अनुभूति कम होती है।
दूसरों से अपनी तुलना से बचना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में सकारात्मक सोच होनी चाहिए। हम दिमाग़ को अच्छी आदतें सिखा कर खुश रह सकते हैं। हमें दूसरों से अपनी तुलना से बचना चाहिए। इसके लिए अपने वर्तमान को गौर से देखें कि हालात क्या सचमुच में इतने बुरे हैं, जितना कि आप समझ रहे हैं। फिर, अगर तुलना ही करनी है तो अपने उन गए दिनों से करें जब हालात और भी बुरे थे। जल्दी ऊबने की आदत से बचने के लिए चीज़ों के बजाय अनुभव पर समय और पैसा लगाएँ। चीजें पुरानी पड़ जाती हैं, अनुभव हमेशा नया रहता है। कोई चीज़ अच्छी लगे तो ठहर जाएँ, टिक कर अनुभव करें। भागा-भागी में न रहें।
उन्होंने कहा कि मन में समाज को कुछ देने की सोच रखें। लोगों से मेलजोल, बातचीत रखें। एक शोध में पाया गया है कि सामाजिक सम्पर्क से रक्त धमनियों में ऑक्सीटोसिन रिलीज़ होता है जो सेरटोनिन की मात्रा को बढ़ाता है। इससे मन प्रफुल्लित रहता है। उन्होंने कहा कि भूटान ऐसा देश है, जिसने अपने नागरिकों की खुशी का पता लगाने के लिए हैप्पीनेस इंडेक्स बनाया है। हम सभी को मिलकर हरियाणा में भी हैप्पीनेस इंडेक्स को बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि समय और पैसे के बीच समय को महत्व दें। दिमाग़ को काबू में रखने के लिए योग-ध्यान करें। स्वयं को कार्य में व्यस्त रखें, ताकि दिमाग में बुरे विचार न आ पाएं। स्वयं पर विश्वास करें, सकारात्मकता बनाये रखें, उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाकर कारगर और ज़िम्मेवार नागरिक बनें।
इस अवसर पर युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता विभाग के प्रधान सचिव श्री विजेन्द्र कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना, लोक सम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ० अमित अग्रवाल और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री बी.बी.भारती भी उपस्थित थे।