गुरूवार, December 13, 2018
  • चंडीगढ़, 13 दिसंबर- हरियाणा को नशामुक्त राज्य बनाने की सरकार की वचनबद्धता के अनुरूप, हरियाणा पुलिस द्वारा नवंबर 2018 में चलाए गए एक विशेष एंटी-ड्रग अभियान के दौरान एनडीपीएस अधिनियम के तहत 235 मामले दर्ज कर 286 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
  • हरियाणा के पुलिस महानिदेशक श्री बी0 एस0 संधू ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस अवधि के दौरान गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 282 किलो 678 ग्राम पोपी हस्क, 73 किलो 499 ग्राम चरस, 748 ग्राम हेरोइन, 120 किलो 66 ग्राम गांजा, 36 किलो 832 ग्राम सुल्फा, 7 किलो 735 ग्राम स्मैक, 3 किलो 145 ग्राम अफीम व 94,178 नशीली प्रतिबंधित गोलियां, सिरप, कैप्सूल और इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ 1 नवंबर से 30 नवंबर तक चलाए गए इस विशेष अभियान के तहत भारी मात्रा में मादक पदार्थ को जब्त कर ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। 
  • श्री संधू ने सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने संबंधित क्षेत्रों में नशीली दवाओं के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर नशे के नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करना सुनिश्चित करें। उन्होंने आमजन से भी आग्रह करते हुए कहा कि राज्य में नशे व मादक पदार्थ की बिक्री व खपत से संबधित जानकारी निडर होकर पुलिस से सांझा करे ताकि नशे का खात्मा कर पूर्णत: नशामुक्त व अपराधमुक्त समाज की स्थापना की जा सके।
  • जब्त किए गए मादक पदार्थों बारे विस्तृत जानकारी देते हुए, पुलिस विभाग के महानिदेशक, अपराध श्री पी.के अग्रवाल ने कहा कि इसी अवधि के दौरान जिला फतेहाबाद में एनडीपीएस अधिनियम के तहत अधिकतम 33 मामले दर्ज कर 51 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसी प्रकार, झज्जर में 22 मामले, सोनीपत में 21, करनाल में 20, सिरसा में 19, कुरुक्षेत्र में 16 और रोहतक में 14 मामले दर्ज कर अफीम, हेरोइन, पोपी हस्क, स्मैक सहित भारी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किया गया है। विशेष अभियान के दौरान दैनिक आधार पर सभी जिलों में नियमित छापे मार कर कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि ड्रग पेडलर के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने के अलावा, पुलिस द्वारा नशे की लत के दुष्प्रभावों बारे भी आमजन को जागरूक किया जा रहा है।
  •   उन्होंने आमजन से आग्रह किया कि वे मादक पदार्थो से जुड़ी जानकारी पुलिस के साथ सांझा करें। ऐसे लोगों की पहचान गुप्त रख कर उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा।
  • चंडीगढ़, 13 दिसंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के ज्ञान सागर से पूरे विश्व में फिर से प्रकाश होगा। इस प्रकाश पुंज को आम जन तक पहुंचाने के लिए ही राज्य सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र की पावन धरा गीता स्थली पर अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
  • मुख्यमंत्री आज कुरूक्षेत्र में गीता ज्ञान संस्थानम में जीओ गीता प्रदर्शनी का उदघाटन करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने जीओ गीता प्रदर्शनी का मंत्रोच्चारण के बीच विधिवत रुप से उदघाटन किया। यहां पहुंचने पर नन्ही बेटी काव्या नरुला ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल सहित अन्य मेहमानों का तिलक लगाकर स्वागत किया। इस दौरान गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने मुख्यमंत्री को जीओ गीता प्रदर्शनी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस प्रदर्शनी में एक पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है। इस पुस्तक मेले में चीन, जापान व अन्य कई देशों सहित 40 भाषाओं में लिखे गए पवित्र ग्रंथ गीता की 650 पुस्तकें रखी गई है। इस प्रदर्शनी में पवित्र ग्रंथ गीता पर मंथन और चिंतन करने वाले 40 से ज्यादा स्वतंत्रता सैनानियों के फोटो सहित विचार भी देखने को मिल रहे हंै। इसके अलावा आधुनिक चिंतकों के विचार और पौराणिक ऋषि-मुनियों के विचारों को भी इस प्रदर्शनी में देखने और जानने का अवसर मिला है। 
  • मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने जीओ गीता प्रदर्शनी का अवलोकन करने के उपरांत अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पवित्र गं्रथ गीता के संदेश को पूरे विश्व तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी गीतास्थली धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में राज्य सरकार के प्रयासों से ही गीता जयंती समारोह को अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का दर्जा दिया गया। आज युवा पीढ़ी को एक नई राह दिखाने और मानव की प्रत्येक समस्या का समाधान करने के उदेश्य से ही लोगों को खासकर युवा पीढ़ी को पवित्र गं्रथ गीता का ज्ञान देने का प्रयास किया जा रहा है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव 2018 में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए गीता ज्ञान संस्थानम केन्द्र में पवित्र ग्रंथ गीता को लेकर भव्य और विशाल गुफानुमा प्रदर्शनी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि गीता पूरे विश्व का वंदनीय और प्रेरणादायी ग्रंथ है, इसी ग्रंथ में पूरे विश्व की समस्याओं का समाधान निहित है। यह पवित्र ग्रंथ जन-जन तक पहुंचे और अपनी वैश्विक पहचान बनाए, के उदेश्य से ही सरकार द्वारा अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 
  • चंडीगढ़, 13 दिसंबर- मॉरीशिस के कार्यवाहक राष्टï्रपति श्री प्रामाशिव्यम पिल्लै वयापरे ने कहा कि विश्व शांति के लिए पवित्र ग्रंथ गीता का ज्ञान जरुरी है। इस पवित्र ग्रंथ गीता के एक-एक शब्द में मानवीय मुल्यों का सार निहित है। इस पवित्र ग्रंथ गीता का संदेश पूरे विश्व तक पहुंचे, इसका प्रयास हरियाणा सरकार द्वारा बखुबी किया जा रहा है। इस पवित्र ग्रंथ की महता को देखते हुए मॉरीशिस में फरवरी 2019 में गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
  • मॉरीशिस के राष्टï्रपति प्रामाशिव्यम पिल्लै वयापरे वीरवार को अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव 2018 के उदघाटन सत्र और प्रदर्शनियों का अवलोकन करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत की सरजमीं पर ही उनके पूर्वजों ने जन्म लिया, इस धरती के साथ उनका बहुत गहरा और पुराना सम्बन्ध है। इन सम्बन्धों को बरकरार रखने के साथ-साथ और सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। इस सरजमीं से उनके पूर्वज मॉरीशिस में जाकर बसे और मॉरीशिस में जाकर खुब मेहनत की, इस मेहनत के चलते ही आज मॉरीशिस एक खुशहाल देश बन चुका है, लेकिन मॉरीशिस में पवित्र ग्रंथ गीता के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास अब सरकार द्वारा किया जाएगा। इन प्रयासों को सार्थक बनाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अहम भूमिका रही है।
  • उन्होंने कहा कि मॉरीशिस की युवा पीढ़ी को अच्छी शिक्षा, संस्कार और मानवीय मुल्यों से आत्मसात करवाने के उदेश्य से ही फरवरी 2019 में गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस पवित्र ग्रंथ गीता के ज्ञान से ही विश्व में शांति कायम की जा सकती है। हरियाणा के शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता भारत का गीत है, रीत है और प्रीत है। भारत न केवल विविधताओं का देश है, बल्कि इस देश को कभी पुस्तकों से समझा नहीं जा सकता। इसकी महान परम्पराओं को जीना पड़ता है, जिसके बाद देश की वास्तविक महत्व को समझने में सफलता मिलती है। गीता न केवल एक गीत है बल्कि ज्ञान, शंका और शंका का समाधान भी गीता में समाहित है। 
  • उन्होंने अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव 2018 में भागीदारी देश मॉरीशिस और भागीदारी राज्य गुजरात से आए मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन मेहमानों को गीता महोत्सव का निमंत्रण दिया गया है और मॉरीशिस में फरवरी 2019 में भी गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। राज्य सरकार के प्रयासों से आज पूरे विश्व में पवित्र ग्रंथ गीता का ज्ञान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने श्री कृष्णा सर्किट के तहत कुरुक्षेत्र के पर्यन स्थलों के विकास के लिए 97.50 करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध करवाया है। इससे कुरुक्षेत्र को देश की सांस्कृतिक राजधानी बनाने में सहायता मिलेगी। हमारी सरकार ने गीता को न केवल पाठयक्रम में शामिल किया बल्कि गीता को जन-जन तक पहुंचाने का भी भरसक प्रयास किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे है।
  • चंडीगढ़, 13 दिसंबर- हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आज मंत्रोच्चारण और शंखनाद के बीच अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2018 का आगाज हुआ। इस आगाज के साथ ही ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ श्लोकोच्चारण से पूरी फिजा ही गीतामय हो गई। इसके साथ मॉरीशस के कार्यवाहक राष्टï्रपति श्री प्रामाशिव्यम पिल्लै वयापरे, राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ब्रह्मसरोवर के पवित्र जल का आचमन कर पवित्र गं्रथ गीता का पूजन कर विधिवत रुप से 13 से 18 दिसम्बर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारम्भ किया।
  • वीरवार को ब्रह्मसरोवर के पुरुषोतमपुरा बाग में मॉरीशस के राष्टï्रपति श्री प्रामाशिव्यम पिल्लै वयापरे, राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, गुजरात के शिक्षा मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चुड़ासमा का जैसे ही आगमन हुआ, उसी समय हरियाणवी परम्परागत वाद्य यंत्रों के बीच हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री रामबिलास शर्मा, शहरी निकाय मंत्री श्रीमती कविता जैन, राज्यमंत्री श्री कृष्ण बेदी, थानेसर विधायक श्री सुभाष सुधा, लाडवा विधायक डा. पवन सैनी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने परम्परा अनुसार स्वागत किया।
  • इसके पश्चात सभी मेहमानों ने हरियाणा पैवेलियन का अवलोकन किया। उन्होंने इस पैवेलियन में हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत के दर्शन किए और हरियाणवी व्यंजनों का स्वाद भी चखा। उन्होंने सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा लगाई गई राज्यस्तरीय प्रदर्शनी, हरियाणा सरस्वती हैरिटेज बोर्ड द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और इसके पश्चात गुजरात के पैवेलियन का अवलोकन किया। 
  • अतिथियों ने सरस्वती नदी के माडॅल का अवलोकन किया और सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज ने सरस्वती नदी के विकास को लेकर राष्ट्रपति को बारिकी से जानकारी दी और अब तक किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया। यहां पर शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने सभी मेहमानों को गीता और शॉल भेंटकर सम्मानित किया।
  • चंडीगढ़, 13 दिसंबर- मॉरिशस के कार्यवाहक राष्ट्रपति श्री प्रामाशिव्यम पिल्लै वयापरे ने कहा कि कुरुक्षेत्र की तर्ज पर ही मॉरिशस में अगले वर्ष फरवरी माह में गीता जयन्ती महोत्सव होगा।  
  • वे आज हरियाणा के कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र के ओडिटोरियम हॉल में ‘नवभारत के निर्माण में श्रीमद्भगवद्गीता की अंतर्दृष्टि’ विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रैंस के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। 
  • मॉरिशस के महामहिम राष्ट्रपति ने इस भव्य महोत्सव के लिए हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य व हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र की तर्ज पर ही मॉरिशस फरवरी माह में गीता जयन्ती महोत्सव आयोजित करने जा रहा है। इसके लिए उन्होंने सभी को आमन्त्रित किया। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयन्ती महोत्सव का सहयोगी देश बनकर मॉरिशस का प्रत्येक व्यक्ति गौरवान्वित महसूस कर रहा है। भारत व मॉरिशस की संस्कृति, भाषा व मूल्य एक जैसे हैं। इस सांझी संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने का दायित्व हम सभी का है। उन्होंने कहा कि महाभारत की भूमि में भगवान कृष्ण ने पांच हजार वर्ष पहले जब दुनिया को गीता का संदेश दिया था तब श्रीमद्भगवद्गीता प्रासंगिक थी और आज उससे भी अधिक प्रासंगिक है। वर्तमान विश्व व समाज की सभी समस्याओं का हल श्रीमद्भगवद्गीता में निहित है। इस ग्रन्थ को जीवन में अपनाकर ही विश्व का कल्याण संभव है। 
  •  कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने सभी देशवासियों को गीता जयन्ती की बधाई देेते हुए कहा कि गीता के उपदेश से ही विश्व कल्याण व नव भारत का निर्माण संभव है। भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि में अपनी दिव्य वाणी से दुनिया को यह संदेश दिया था। गीता के संदेश में सभी महान ग्रन्थों का संदेश निहित है। गीता को धारण कर ही भारत शिक्षित, विकसित व विश्व गुरू बन सकता है। कुरुक्षेत्र अध्यात्मिक व शिक्षा का केन्द्र है। कुरुक्षेत्र से गीता का संदेश जन-जन तक पहुंचे यही अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव का उद्देश्य है। इस मौके पर उन्होंने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के संदेश शिक्षित बनो, संगठित रहो व संघर्ष को अपने जीवन में धारण कर श्रीमद्भगवद्गीता को अपने जीवन व्यवहार में शामिल करने की अपील की। 
  • हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि यह हरियाणा प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि लगातार तीसरे वर्ष गीता जयन्ती महोत्सव का आयोजन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है और इस अवसर पर संगोष्ठी में इस वर्ष मॉरिशस सहयोगी देश व गुजरात सहयोगी राज्य के रूप में शामिल हुए हैं। इसके लिए उन्होंने मॉरिशस के राष्ट्रपति व गुजरात के शिक्षा मंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयन्ती पर हरियाणा में ही नहीं अब विदेशों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। श्रीमद्भगवद्गीता का संदेश दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचे इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर सरकार की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाभारत ही दुनिया में एक ऐसा उदाहरण है जिसमें भगवान कृष्ण ने अपनी दिव्य वाणी से श्रीमद्भगवद्गीता का संदेश विश्व को दिया था। इस युद्ध में शस्त्र व शास्त्रार्थ दोनों का प्रयोग एक साथ हुआ था। श्रीमद्भगवद्गीता एक आध्यात्मिक व दार्शनिक ग्रन्थ नहीं है बल्कि यह विश्व कल्याण, जन-कल्याण का अद्भूत ग्रन्थ है। जीवन प्रबन्धन की दृष्टि से यह उत्तम ग्रन्थ है। इसी के चलते हॉवर्ड बिजनेस स्कूल सहित विश्वभर के कईं विश्वविद्यालयों में  इस पर अध्ययन किए जा रहे हैं। श्रीमद्भगवद्गीता जीवन को दिशा देने वाला ग्रन्थ है। नव भारत के निर्माण में गीता का उपयोग कैसे हो, इस पर चिन्तन करना जरूरी है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में हो रही अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में निश्चित रूप से इस दिशा में कुछ सुझाव मिलेंगे जो नव भारत के निर्माण में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक सच्चे कर्मयोगी हैं। देश के नव निर्माण के लिए डिजीटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत जैसी सैंकड़ों योजनाएं उनकी अगुवाई में शुरु कर देश को एक नई दिशा दी जा रही है। देश का प्रत्येक व्यक्ति कर्मयोगी बनकर नव निर्माण में अपना योगदान दे। श्रीमद्भगवद्गीता यही संदेश हमें देती है। इस मौके पर उन्होंने इस महोत्सव में शामिल होने के लिए सभी का आभार प्रकट किया। गुजरात के शिक्षा मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चुड़ासमा ने कहा कि गीता आधुनिक जीवन का दर्शन है। यह ग्रन्थ भारतीय जीवन व संस्कृति का आधार है। जब देश का प्रत्येक व्यक्ति श्रीमद्भगवद्गीता को अपने जीवन में धारण करेगा, तभी वर्तमान की सभी समस्याओं का हल कर हम समाधान की ओर आगे बढकऱ नए भारत का निर्माण कर सकेंगे। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सहयोगी राज्य के रूप में गुजरात को शामिल करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया।
  • शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति दुनिया की सबसे प्राचीन व गौरवशाली संस्कृति है। श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय जीवन दर्शन का आधार है। गीता भारत का गीत है, भारत का ज्ञान-विज्ञान है, गीता वर्तमान की सभी समस्याओं का समाधान है। इसलिए ही हरियाणा सरकार ने स्कूल स्तर पर पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता को शामिल करने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयन्ती महोत्सव के माध्यम से पिछले 3 वर्षों में भगवद्गीता का विश्व कल्याण का संदेश जन-जन तक पहुंचा है। इस मौके पर उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल होने वाले दुनियाभर से आए विद्वानों व चिन्तकों को शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
  • इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी ज्ञानानन्द ने कहा कि भारत दुनिया का एक गौरवशाली राष्ट्र है। नव भारत का निर्माण कैसे हो, हम किस तरह का भारत चाहते हैं, इसके लिए निश्चित रूप से श्रीमद्भगवद्गीता की ओर देखना जरूरी है।
  • इससे पूर्व मॉरिशस के कार्यवाहक राष्ट्रपति,मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, गुजरात के शिक्षा मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चुड़ासमा, हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा, स्वामी ज्ञानानंद, विधायक श्री सुभाष सुधा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चन्द्र शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ किया व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की ओर से तैयार की गई ‘48 कोस एक सांस्कृतिक यात्रा’ कॉफी टेबल बुक व अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के सॉविनियर का विमोचन किया गया।
  • चंडीगढ़, 13 दिसंबर- कुरूक्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चन्द्र शर्मा ने घोषणा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में श्रीमद्भगवद्गीता पर अध्ययन के लिए ‘गीता अध्ययन एवं शोध केन्द्र’ स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र विभाग की तरफ से एक प्रस्ताव विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य को भेजा गया था। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में गीता अध्ययन एवं शोध केन्द्र व विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र में बौद्ध अध्ययन पर एक विशेष केन्द्र बनाने की अनुमति प्रदान की है। कुलपति ने कहा कि आने वाले समय में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गीता शोध अध्ययन केन्द्र एवं बौद्ध अध्ययन केन्द्र में श्रीमद्भगवद्गीता पर अध्ययन होगा। कुलपति ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इससे पहले भी दर्शनशास्त्र व दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में भगवद्गीता पर सर्टिफिकेट कोर्स के माध्यम से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।