गुरूवार, December 20, 2018
  • चंडीगढ़, 20 दिसंबर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे दिल्ली के आस-पास लगते राज्य के क्षेत्रों में लगभग 50 झीलों या जलाशयों का निर्माण किया जाए ताकि बरसात के दिनों में आने वाली सम्भावित बाढ़ों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान नदियों में पानी का बहाव अधिक हो जाता है निचले इलाकों में बाढ़ आने की सम्भावाएं बढ़ जाती हैं, इस स्थिति से बचने के लिए ऐसे अतिरिक्त पानी को इन झीलों या जलाशयों में इक्ट्ठा किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री आज यहां सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसी झीलों व जलाशयों का निर्माण ऐसी भूमि पर करें, जो बंजर या सेमग्रस्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की भूमि का चयन किया जाएगा और उसके बाद उस भूमि को झीलों या जलाशयों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। इसके अलवा, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो तालाब या जलाशय गंदे पानी से भरे हुए हैं उनकी सफाई सुनिश्चित की जाए।
  • बैठक में बताया गया कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार यमुना नदी से मानसून के मौसम के दौरान 16,500 क्यूसेक से अधिक पानी लिया गया, जबकि इससे पहले 15,000 क्यूसेक तक ही पानी लिया जाता था। बैठक में यह भी बताया गया कि पश्चिमी यमुना कैनाल प्रणाली के मुख्य कार्यों के लिए अनुमानित 1500 करोड़ रुपये की परियोजनाएं तैयार की गई हैं। वर्ष 1976-77 में निर्मित की गई जवाहर लाल नेहरू कैनाल में 3250 क्यूसिक पानी बह रहा है और इंद्री हैड से सिरसा ब्रांच में 2200 क्यूसिक के मुकाबले 2700 क्यूसिक पानी बह रहा है।
  • बैठक में बताया गया कि पश्चिमी यमुना कैनाल की मुख्य ब्रांच की क्षमता को खरीफ मौसम 2018 के दौरान बढाया गया है और वर्ष 2017 में 8500 क्यूसिक के मुकाबले 10,050 क्यूसिक अधिकतम पानी छोड़ा गया। इसके अलावा, मूनक कैनाल में 12759 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सूक्ष्म सिंचाई पर अधिक बल देना चाहिए ताकि अधिक से अधिक भूमि को सिंचित किया जा सके। उन्होंने महेन्द्रगढ़ के दूर के क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए अधिकारियों की प्रशंसा भी की और कहा कि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा की और इस पर कार्य ते से करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मेवात में पानी ले जाने की परियोजना के कार्य पर तेजी लाने के भी निर्देश दिए।
  • बैठक में मुख्यमंत्री के उप-प्रधान सचिव सुश्री आशिमा बराड़, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग रास्तोगी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
  • चंडीगढ़, 20 दिसंबर - हरियाणा सरकार ने आज तुरंत प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त सचिव और हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के सचिव योगेश कुमार मेहता को अपने वर्तमान कार्यभार के अलावा हरियाणा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त सचिव का कार्यभार सौंपा है।
  • चण्डीगढ़, 20 दिसम्बर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल 25 दिसंबर, 2018 को सुशासन दिवस के अवसर पर करनाल से प्रदेश के 115 अंतोदय सरल केंद्रों का मैगा लॉंच करेंगे।
  • इस संबंध में जानकारी देते हुए एक प्रवक्ता ने बताया कि अंतोदय सरल केंद्रों के माध्यम से सरकार के 38 विभागों की 400 से अधिक सेवाएं एक ही छत के नीचे दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी केंद्रों पर आम जनता को सरकारी विभागों की योजनाओं का लाभ तथा अन्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि सरल केंद्रों के माध्यम से जो सेवाएं दी जा रही हैं, उनके लिए किसी व्यक्ति को विभाग के कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं है और इस बारे में विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को विभाग के कार्यालय में सेवाएं देने की अपेक्षा उन्हें अंतोदय सरल केंद्र में भेंजे।
  • उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 25 दिसंबर को किए जाने वाले अंतोदय सरल केंद्र के मेगा लॉंच कार्यक्रम से पहले सभी ऑप्रेटरों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसमें उन्हें विभागों की योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्रता के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी व्यक्ति घर बैठे ही सरल पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन कर सकता है और उसे केवल एक बार वैरिफिकेशन के लिए सरल केंद्र में आना पड़ेगा। आवेदन के बाद आवेदक के मोबाईल पर उसके आवेदन के स्टेट्स के बारे में सूचना मिलती रहेगी। 
  • प्रवक्ता ने बताया कि सरल पोर्टल पर दो नए फिचर जोड़े गए हैं जिसमें ई-टिक्टिंग सिस्टम तथा नोलेज मैनेजमेंट सिस्टम शामिल है। उन्होंने बताया कि किसी भी सेवा के बारे में कोई भी नागरिक ई-टिक्टिंग सिस्टम से सरल पोर्टल पर अपनी शिकायत डाल सकेगा, जिसका निवारण संबंधित विभाग को 24 घंटे में करना होगा। इसी प्रकार, विभागीय अधिकारी भी उनके सामने आ रही समस्या ई-टिक्टिंग सिस्टम में डाल पाएंगे। उन्होंने बताया कि नोलेज मैनेजमेंट सिस्टम में लोगों को सरल पोर्टल के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की जानकारी मिलेगी। 
  • चण्डीगढ़, 20 दिसम्बर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेश में आयुर्वेद व हर्बल औषधियों को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा हर्बल कारपोरेशन के गठन करने, मोरनी क्षेत्र को ऑर्गेनिक क्लस्टर बनाने तथा जड़ी-बूटियों के लिए एक विश्व स्तरीय नर्सरी स्थापित करने की घोषणा की ताकि प्रदेश में आयुष को बढावा दिया जा सके। 
  • उन्होंने यह घोषणाएं आज मोरनी में विश्व औषधीय वन परियोजना का लोकार्पण करने उपरांत उपस्थित जनसमूह को सम्बोंधित करते हुए की। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के बाद भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को विश्व स्तर पर बढावा दे रही है और इसी कडी में आज हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा पंचकूला जिले के मोरनी क्षेत्र में हरियाणा वन विभाग व पतंजलि योग पीठ के सहयोग से स्थापित विश्व औषधीय वन परियोजना का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर हरियाणा के वन एवं वन्य प्राणी मंत्री राव नरबीर सिंह, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री श्री कर्ण देव काम्बोज के अलावा योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी उपस्थित थे। 
  • मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पिछले तीन वर्षों से लगातार इस परियोजना पर कार्य कर रहे वन विभाग व पतंजलि योग पीठ के वैज्ञानिकों के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि मोरनी में वल्र्ड हर्बल फोरेस्ट स्थापित करने की उनकी परिकल्पना को आज धरातल पर क्रियान्वयन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक वनों के साथ-साथ मोरनी क्षेत्र में वनों के औषधीय पौधों के रूप में विविधिकरण करने से इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलने के साथ-साथ उनकी आय में भी बढ़ौतरी होगी तथा यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति भी बदलेगी। 
  • उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय में हरियाणा देश में कई बड़े राज्यों से अग्रणी है, परंतु मेवात व मोरनी का क्षेत्र प्रति व्यक्ति आय में पीछे है। अब यहां यह परियोजना आने से न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी मोरनी क्षेत्र अपनी पहचान बनाएगा। इसके साथ ही यहां पर्यटन की भी योजनाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि शिवालिक पर्वतीय क्षेत्र हरियाणा की शान है और इस पर्वतीय क्षेत्र के विकास पर वन, आयुष, पर्यटन व कृषि विभाग मिलकर योजनाएं बनाएंगे। 
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा हर्बल कारपोरेशन प्रदेश में स्थापित किये जा चुके हर्बल पार्कों की देख-रेख करेगा। उन्होंने कहा कि सिक्किम जैसे राज्य की तर्ज पर इस क्षेत्र में भी जैविक (ऑर्गेनिक) खेती की आपार संभावनाएं हैं जो पंचकूला-चण्डीगढ-मोहाली के लोगों की ऑर्गेनिक फल-फूल व अन्य खाद्यान्नों की मांग को पूरा करेगा। 
  • आयुर्वेद व योग को बढ़ावा देने के लिए अब तक सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स की तर्ज पर पंचकूला में लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत से 20 एकड़ में 300 बिस्तरों के अस्पताल के साथ-साथ राष्ट्रीय आयुर्वेद एवं योग संंस्थान की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा, झज्जर जिले के गांव देवरखाना में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति अनुसंधान संस्थान के लिए केन्द्रीय परिषद का गठन किया जा रहा है। कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेद कालेज को आयुष विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को हमारी प्राचीन संस्कृति योग से जोडऩे के लिए हर गांव में व्यायामशालाएं खोली जा रही हैं। 
  • मुख्यमंत्री ने पतंजलि योगपीठ के अनुसंधानकर्ताओं को मोरनी में रहने के लिए स्थान उपलब्ध करवाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि अनुसंधानकर्ताओं ने मोरनी क्षेत्र में 53 नई जड़ी-बूटियों की प्रजातियों की भी खोज की है और अब तक वन विभाग के रिकार्ड में जड़ी-बूटियों की 1062 प्रजातियां ही दर्ज थी, जो अब बढक़र 1115 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि इन नई जड़ी-बूटियों से मोरनी क्षेत्र का नाम न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में जाना जाएगा। उन्होंने बताया कि जड़ी-बूटियों के जानकार नई प्रजातियों के बारे जानने के लिए यहां का दौरा करेंगे। 
  • इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने हरड़ वाटिका का उदघाटन भी किया। पतंजति योगपीठ द्वारा मोरनी क्षेत्र में कुल 125 वाटिकाओं को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें से अब तक 65 वाटिकाएं विकसित की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने आचार्य बाल कृष्ण द्वारा लिखित तीन पुस्तकों नामत: फलोरा ऑफ मोरनी हिल्स, विजिटेटिव सर्वे ऑफ मोरनी हिल्स तथा मोरनी क्षेत्र के महत्वपूर्ण औषधीय पादप का विमोचन किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने आदिश अग्रवाल द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर लिखित 672 पृष्ठ की पुस्तक ‘नरेन्द्र मोदी-ए क्रिशमेटिक विजिनरी स्टेटस्मैन’ का विमोचन भी किया। 
  • इस अवसर पर हरियाणा के वन एवं वन्य प्राणी मंत्री राव नरबीर सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह हरियाणा का सौभाग्य है कि यहां एक ओर प्राचीनतम पर्वतीय श्रंृखला अरावली तथा दूसरी ओर नवीनतम पर्वतीय श्रृंखला शिवालिक मौजूद है। उन्होंने कहा कि हमारा देश आयुर्वेद का जनक रहा है, आधुनिक जीवनशैली में लोगों का रूझान एलोपैथी की ओर है। आयुर्वेद को लोग भूलते जा रहे हैं, परन्तु आज योग ऋषि बाबा रामदेव के सहयोग से मोरनी क्षेत्र में विश्व औषधीय वन परियोजना का लोकार्पण किया गया है, जो आयुर्वेद के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि लगभग 1200 एकड़ भूमि पर औषधीय पौधे लगाए जाने हैं, जिससे यहां के स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने परियोजना पर त्वरित कार्य करने के लिए आचार्य बाल कृष्ण, पतंजलि के वैज्ञानिज्ञों और उनकी टीम को बधाई दी है और कहा कि योग गुरु के साथ-साथ आज से बाबा रामदेव औषधीय गुरु भी बन गए हैं। 
  • इस अवसर पर कालका की विधायक श्रीमती लतिका शर्मा ने अपने स्वागतीय भाषण में बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कालका विधानसभा के लोगों को लगभग 700 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। उन्होंने कहा कि इसके साथ मुख्यमंत्री के प्रयासों से मोरनी क्षेत्र की 110 ढाणियों में पहली बार बिजली पहुंचाई गई है। इसके अलावा, घर-घर में पीने का पानी पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि देश में मोरनी क्षेत्र में बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए छह-सात किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था, परन्तु मुख्यमंत्री ने नि:शुल्क मैक्सी कैब सेवा उपलब्ध करवाकर एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि नियमों में छूट देते हुए इस क्षेत्र में धामण व मोरनी के स्कूलों को अपग्रेड किया गया। श्रीमती लतिका शर्मा ने मांधना में राजकीय आयुर्वेदिक डिस्पेंशनरी खोलने तथा मोरनी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) का दर्जा बढ़ाकर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) बनाने की मांग भी मुख्यमंत्री से की। 
  • इस अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने सम्बोधन में कहा कि पूरे विश्व में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष फूड सप्लीमेंट पर खर्च हो रहे हैं। उन्होंने कोरिया का उदाहरण देते हुए कहा कि मात्र 3.5 करोड़ की जनसंख्या वाला देश कोरिया ने अपने तीन ब्रांडों नामत: एलजी, सैमसंग व हुंडई से पूरे विश्व में ख्याति अर्जित की है। उन्होंने कहा कि मोरनी क्षेत्र की हरड़, शतावर, सर्पगंधा, वनस्पा जैसी जड़ी-बूटियों का सही ढ़ंग से विपणन होने से यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और पतंजलि हर प्रकार का सहयोग यहां के लोगों को उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा को विश्व की आर्थिक व अध्यात्मिक राजधानी बनाना है। योग गुरु ने कहा कि आज मोरनी क्षेत्र का नाम विश्व में पहचान बना चुका है क्योंकि अब तक पतंजलि योगपीठ द्वारा चार अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित किये जा चुके हैं। हमें निरंतरता के साथ आगे बढऩा होगा तथा हम निरोगी व उपयोगी बनकर राष्ट्र के लिए कार्य कर सकते हैं। 
  • आचार्य बाल कृष्ण ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल तथा हरियाणा सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमने प्राचीन भारत तो नहीं देखा परंतु नवीनतम भारत की तस्वीर हम निरोगी रहकर और निष्ठा, लगन एवं ईमानदारी के साथ राष्टï्र की सेवा में जुड़े हुए हैं। उन्होंने भारत स्वाभीमान संगठन के श्री राकेश व एस.के.तीजारवाला के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने लगभग जड़ी-बूटियों की 1000 से अधिक विभिन्न प्रजातियों पर डॉक्यूमटेशन के लिए विषम परिस्थितियों में कार्य किया है। उन्होंने कहा कि न्यूयार्क में चार जर्नल प्रकाशित किये जा चुके हैं और मोरनी क्षेत्र का नाम विश्व पहुंच चुका है भले ही यहां के लोगों को इसकी जानकारी न हो। मोरनी हरियाणा के गौरव की बात बन गया है। इस क्षेत्र में अब तक 3.50 लाख पौधारोपण किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग से हम बॉयोरिसर्च संस्थान की स्थापना भी करना चाहते हैं। 
  • इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ0 अनिल हुड्डा ने मुख्यमंत्री सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा में प्राकृतिक वन दो प्रतिशत से भी कम भूमि पर है। मोरनी व कलेसर में प्राकृतिक वन अधिक हैं तथा मोरनी क्षेत्र को औषधीय पौधों की जैविक विविधता का एक हॉट स्पाट केन्द्र माना गया है। विश्व औषधीय वन परियोजना के नोडल अधिकारी श्री जगदीश चन्द्र ने ‘इतिहास के आइने में मोरनी औषधीय वन’ पर प्रस्तुति देते हुए कहा कि पतंजलि योगपीठ के 30 वैज्ञानिकों ने निरंतर मोरनी क्षेत्र में तीन बार सर्वे किया है और 983 जड़ी-बूटियों की विभिन्न प्रजातियों की पहचान की है, जिनमें से 300 नई प्रजातियां हैं और 53 प्रजातियों की पहली बार पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि 715 हैक्टेयर क्षेत्र में औषधीय पौधों लगाए जाएंगे।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विश्व औषधीय वन परियोजना पर कार्य करने वाले 20 वैज्ञानिकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सांसद श्री रतन लाल कटारिया, पंचकूला के उपायुक्त श्री मुकुल कुमार, अतिरिक्त उपयुक्त श्री जगदीप ढ़ांडा, डीसीपी कमलदीप गोयल, उप-मण्डल अधिकारी (नागरिक) श्री पंकज सेतिया, जिला भाजपा प्रधान श्री दीपक शर्मा, हरियाणा शिवालिक बोर्ड के सदस्य श्री श्याम लाल बंसल, भाजपा महामंत्री श्री हरेन्द्र मलिक, पतंजलि योगपीठ के प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या मोरनी पर्वतीय क्षेत्र के लोग उपस्थित थे।
  • चंडीगढ़, 20 दिसम्बर- हरियाणा के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सतीश अग्रवाल ने सिविल सचिवालय में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘नि:शुल्क चिकित्सा जांच शिविर’ का उद्घाटन किया। इसमें 200 से अधिक मरीजों ने अपने स्वास्थ्य की जांच करवाई।
  • बैंक के उप-प्रबन्धक श्री जगदीश जिंदल ने बताया कि इस चिकित्सा शिविर का आयोजन सचिवालय के कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए किया गया है ताकि उन्हें हैल्थ चैकअप के लिए दूर न जाना पड़े। इस दौरान मरीजों के दिल की बीमारी, आंख-नाक-गला, बीपी, सुगर तथा अन्य बीमारियों की जांच की गई तथा आवश्यकतानुसार मरीज को दवाइयां तथा सलाह भी दी गई।
  • श्री जिंदल ने बताया कि पीजीआईएमआर, चंडीगढ़ के कार्डियक विभाग के निदेशक डॉ. मुनीष गोयल के नेतृत्व में शिविर का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच चैनल मैनेजर नितिन अरोड़ा, ब्रांच मैनेजर सुश्री अल्पना सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।
  • चंडीगढ़, 20 दिसम्बर- हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने अम्बाला कैंट में ट्रसरी केयर कैंसर सैंटर के निमार्ण के लिए अधिकारियों को शीघ्र औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए ताकि क्षेत्र के लोगों को इससे लाभ मिल सके।
  • स्वास्थ्य मंत्री ने आज इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस सैंटर के बनने से उत्तर हरियाणा के सभी जिलों के मरीजों को लाभ होगा। इसके अलावा दक्षिण हरियाणा के मरीजों के लिए हमारी सरकार द्वारा देश का सबसे बड़ा राष्टï्रीय कैंसर संस्थान पहले ही बाढ़सा, झज्जर में बनाया गया है।
  • श्री विज ने अस्पताल में मार्चरी, चिकित्सकों तथा अन्य स्टॉफ के लिए निवास स्थान तथा अस्पताल में अतिरिक्त ब्लाक के निमार्ण कार्य के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जितने भी नए अस्पतालों के भवन तैयार किए गए है, उनको शीघ्र ही उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा। इसके पश्चात इन सभी नए अस्पतालों का उद्घाघन करेंगे ताकि जनता उनका लाभ ले सके।
  • इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव श्री राजीव अरोड़ा, महानिदेशक डॉ. सतीश अग्रवाल सहित अनेक वरिष्ठï अधिकारी मौजूद थे।