बुधवार, जनवरी 2, 2019
- चंडीगढ़, 2 जनवरी- हरियाणा का गुरुग्राम जिला वर्ष-2018 में कंपनियों से उनके सामाजिक दायित्व का निर्वहन करवाने में प्रदेश में पहले स्थान पर रहा। इतना ही नहीं, गुरुग्राम की इस पहल से हरियाणा सीएसआर एडवाइजरी बोर्ड का गठन होने का भी मार्ग प्रशस्त हुआ।
- एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि साइबर सिटी गुरुग्राम में वर्ष-2018 में कंपनियों के सीएसआर फण्ड के सदुपयोग की एक ऐसी नई पहल की गई, जो प्रदेश में सीएसआर एडवाइजरी बोर्ड बनने का आधार बनी। इस नई पहल के फलस्वरूप ही हरियाणा की पहली सीएसआर समिट भी गुरुग्राम में आयोजित की गई, जिसमें कारपोरेट कंपनियों के काफी संख्या में प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गुरुग्राम में कारपोरेट कंपनियों के सहयोग से सीएसआर के तहत वर्ष-2018 में लगभग 34 करोड़ रुपये के विकास कार्य करवाए गए जोकि प्रदेश के अन्य जिलों की अपेक्षा में सबसे अधिक थे। इतना ही नहीं, सरकारी विभागों तथा कंपनियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा सीएसआर पोर्टल भी लांच किया गया है, जिस पर एक ओर जहां विभाग सीएसआर फंड से हो सकने वाले प्रौजेक्ट उस पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर कॉरपोरेट कंपनियों को भी अपना सीएसआर फंड सही ढ़ंग से खर्च करने का एक रास्ता मिला। इससे पहले सीएसआर फंड को लेकर कंपनियां पशोपेश में रहती थी कि आखिर इसका उपयोग कहां और कैसे किया जाए ताकि इस धनराशि से समाज के किसी वर्ग को फायदा हो सके।
- प्रवक्ता ने बताया कि इस नई पहल के अंतर्गत वर्ष-2018 में गुरुग्राम जिले में 30 से अधिक परियोजनाओं पर काम हुआ। सीएसआर के फंड का सदुपयोग करते हुए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में स्मार्ट क्लासिज की शुरुआत की गई। इसके अलावा, वर्ष-2018 में सीएसआर के तहत कंपनियों के सहयोग से आंगनवाड़ी केन्द्रों का सुधारीकरण, सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण, स्कूलों में कमरों का जीर्णोद्धार व निर्माण कार्य, स्मार्ट टैब लैब, सुगम्य गुरुग्राम अभियान जैसे बहुत से विकास कार्य करवाए गए। जिले में सीएसआर के तहत विकास कार्य पहले भी करवाए जाते रहे हैं लेकिन दिसंबर, 2017 में उपायुक्त के मार्गदर्शन में एक डेडिकेटिड टीम का गठन किया गया जिसने जिले की कंपनियों में कार्यरत विभिन्न कॉरपोरेट्स व कंपनियों के साथ बैठकें कर जरूरत अनुसार प्रौजेक्ट तैयार किए ताकि विकास कार्यों को गति मिल सके।
- उन्होंने बताया कि गत वर्ष गुरुग्राम में आयोजित हरियाणा सीएसआर समिट में भी विकास कार्यों के लिए 177 करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए गए। जिले में सीएसआर के तहत लोगों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ 100 करोड़ रुपये की लागत से एक मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल बनाए जाने की योजना है। यह चार मंजिला अस्पताल सैक्टर-10 में 2 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा। इस अस्पताल का निर्माण कार्य तीन चरणों में होगा। निर्माण कार्य पहले दो चरणों में पूरा होगा जबकि तीसरे चरण में अस्पताल में दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए हैल्थ चैकअप उपकरण लगवाए जाएंगे। इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, जिस पर जल्द ही काम शुरू होगा। इतना ही नहीं, पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा सीएसआर के तहत जल्द ही टी.बी. की बीमारी के चैक अप के लिए सभी उपकरणों से सुसज्जित एक वैन भी चलाए जाने की योजना है जो गांव-गांव जाकर लोगों के स्वास्थ्य की नि:शुल्क जांच करेगी।
- प्रवक्ता के अनुसार गुरुग्राम जिले में सीएसआर के तहत एक और महत्वपूर्ण पहल की जा रही है जिसके तहत जल्द ही लघु सचिवालय, कोर्ट कॉम्पलैक्स व सीडब्लयूसी केन्द्र में डे-केयर सैंटर की शुरुआत की जाएगी ताकि यहां कार्यरत महिलाओं के शिशुओं को बेहतर देखभाल मिल सके। इस डे-केयर यूनिट के बनने के बाद गुरुग्राम प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन जाएगा जहां पर कामकाजी महिलाओं के छोटे बच्चों की देखभाल के लिए ऐसी सुविधा उपलब्ध होगी। इस डे-केयर यूनिट में किंडरगार्टेन, चाइल्ड केयर यूनिट, टॉय एरिया तथा फीडिंग एरिया आदि सहित कई सुविधाएं होंगी। डे-केयर यूनिट को लेकर जगह की पहचान की जा चुकी है, जिस पर जल्द ही काम शुरू होगा।
- उन्होंने बताया कि इसके अलावा, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट लगाए जाने की एक महत्वपूर्ण परियोजना पर भी काम किया जा रहा है। पहले 5 टन क्षमता का प्लांट लगाने की योजना थी, जिसकी क्षमता को अब बढ़ाकर 50 टन कर दिया गया है। इस प्लांट में 50 टन कूड़े से बायो गैस बनाई जाएगी जिसका इस्तेमाल मिड डे मील तथा इस प्रकार के अन्य कार्यों के लिए किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 20 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी जिसके लिए भूमि नगर निगम गुरुग्राम द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी।
- गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में अप्रैल-2019 तक पूरे प्रदेश में लगभग 1000 करोड़ रुपये के प्रौजेक्ट विभिन्न कंपनियों के सहयोग से सीएसआर के तहत करवाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए हरियाणा सीएसआर एडवाइजरी बोर्ड का भी गठन हो चुका है, जिसमें तीन स्तरीय कमेटी बनाई गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल इस बोर्ड के चेयरमैन हैं। दूसरी कमेटी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के रूप में है, जिसके अध्यक्ष मुख्य सचिव श्री डी.एस.ढेसी हैं। यह काउंसिल नीति निर्धारण का काम करेगी और तीसरी कमेटी ‘प्रौजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट’ की होगी, जो धरातल पर काम करेगी। यह कमेटी परियोजना का इंपैक्ट एसेसमेंट, कैपेस्टी बिल्डिंग, फील्ड वर्क, हैंड होल्डिंग आदि के क्षेत्र में काम करेगी।
- प्रवक्ता के अनुसार सीएसआर एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि जहां पर कंपनियां काम कर रही हैं, उस समाज के प्रति भी उनका एक दायित्व है, जिसका निर्वहन वे सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कंपनी के मुनाफे का दो प्रतिशत भाग खर्च करके कर सकती हैं और यह कानूनी रूप से अनिवार्य भी है। उन्होंने कहा कि सीएसआर के तहत यदि कोई कंपनी काम करना चाहती है तो वह www.haryanacsr.org वेब पोर्टल पर जाकर देख सकती है कि वह किस प्रकार के प्रौजेक्ट में अपना योगदान दे सकती है। इस पोर्टल पर सीएसआर के तहत करवाई जा सकने वाली लगभग 450 परियोजनाओं की डिटेल जिला अनुसार अपलोड की हुई हैं। कंपनी अपनी सुविधानुसार प्रौजेक्ट का चयन कर वैबपोर्टल पर दिए गए ‘इंट्रेस्टेड’ के ऑप्शन पर क्लिक कर सकती है। संबंधित विभाग व उपायुक्त को इसकी जानकारी स्वत: ही पहुंच जाएगी।
- चंडीगढ़, 2 जनवरी- हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने हरियाणा राज्य महिला आयोग के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए आयोग को भविष्य में भी इसी तरह कार्य करने की सलाह दी है।
- महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कविता जैन, आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रतिभा सुमन, उपाध्यक्ष श्रीमती प्रीति भारद्वाज, सदस्य सुश्री नम्रता गौड़ तथा श्रीमती सुमन बेदी ने हरियाणा राज्य महिला आयोग का ‘लोगो’ तथा उपलब्धियां राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के समक्ष प्रस्तुत की।
- इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री कर्ण देव काम्बोज, हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता दुग्गल, हरियाणा लोक सेवा आयोग की सदस्य श्रीमती वंदना शर्मा, गेल इंडिया लिमिटेड की निदेशक श्रीमती बंतो कटारिया और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
- चंडीगढ, 2 जनवरी- प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी की वर्ष 2022 तक देश के हर परिवार को सस्ती आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने के विजन को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा के मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल द्वारा की गई पहल के फलस्वरूप हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य बन गया जब मुख्यमन्त्री ने स्वयं अपने हाथों से योजना के तहत हरियाणा आवास बोर्ड द्वारा पंचकूला के सैक्टर 31 में भूतपूर्व एवं सेवारत रक्षाकर्मियों व अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के लिए बहुमंजिला फ्लैटों की परियोजना के लाभपात्रों को आबंटन पत्र सौंपे हैं।
- मुख्यमन्त्री ने लाभपात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्होंने समर्पण भाव से देश की सेवा की है। देश के हर नागरिक का कत्र्तव्य बनता है कि सैनिकों की सेवा को सैल्यूट करना चाहिए। स्वयं मुख्यमन्त्री ने रक्षाकर्मियों की सेवा को सलाम किया।
- हरियाणा आवास मन्त्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि यह देश की पहली स्कीम है, जहां रक्षाकर्मियों को एक ही स्थान पर फ्लैटस की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि आवास बोर्ड के गठन के बाद बोर्ड द्वारा 90 हजार फ्लैटस का निर्माण करवाया गया है, जिनमें 90 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के लिए निर्मित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि रक्षाकर्मियों के लिए झज्जर व फरीदाबाद में भी ऐसी योजना क्रियान्वित की जा रही है।
- इस अवसर पर आवास बोर्ड के चेयरमैन श्री जवाहर यादव ने योजना के बारे जानकारी देते हुए मुख्यमन्त्री को अवगत करवाया कि रक्षाकर्मियों के लिए बोर्ड द्वारा कुल 711 फ्लैटस बनाने हैं। पहले चरण में 279 फ्लैटस के आज फाइनल आबंटन पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें से 22 लाभपात्र आज यहां मुख्यमन्त्री के हाथों आबंटन पत्र कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 3400 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से फ्लैटस की कीमत निर्धारित की गई है और 30 महीनों के निर्धारित समय में फ्लैटस का निर्माण कर लाभार्थियों को सौंपे गए हैं। दूसरे चरण में 432 फ्लैटस का निर्माण कार्य जारी है, जिस पर 85 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। इन मकानों में लिफ्ट, पॉवर बैकअप, 24 घण्टे जलापूर्ति एवं पार्किंग की सुविधा होगी।
- श्री यादव ने इस बात की भी जानकारी दी कि निकट भविष्य में रोहतक, गुरूग्राम, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़ व चरखी दादरी में भी रक्षाकर्मियों के लिए आवासीय परियोजना आरम्भ की जाएगी। इसके अलावा बोर्ड द्वारा विभिन्न स्थानों पर 285 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 5297 मकानों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
- इस अवसर पर बोर्ड के प्रधान सचिव श्री श्रीकांत वाल्गद, मुख्य प्रशासक श्री सतपाल शर्मा, प्रमुख अभियंता श्री विरेन्द्र सिंह यादव के अलावा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
- चंडीगढ़, 2 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हिन्दी उत्तर भारत के राज्यों की राजभाषा तो है ही, परंतु इसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी विभागों को हिन्दी भाषा में अधिक से अधिक पत्राचार करना चाहिए ताकि सामान्य व्यक्ति को आसानी से जानकारी उपलब्ध हो सके।
- मुख्यमन्त्री ने कहा कि जहां तक न्यायालय व अन्य गैर-हिन्दी भाषी राज्यों के साथ सरकारी विभागों का पत्राचार होता है, वहां पर हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी पत्राचार किया जाना चाहिए।
- उन्होंने कहा कि जहां तक हरियाणा में सरकारी विभागों के हिन्दी में पत्राचार की बात है, इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव कार्यालय के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर परिपत्र प्रशासनिक सचिवों को जारी किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा कल ही एक ऐसा परिपत्र जारी किया गया है। इतना ही नहीं, इससे पूर्व भी वर्ष 1993, 1999, 2006 तथा 2016 में भी मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा ऐसे परिपत्र जारी किए गए हैं।
- चंडीगढ़, 2 जनवरी- हरियाणा में प्राचीन सरस्वती नदी का पुनरुत्थान करने और इसमें ताजे पानी के नियमित प्रवाह को सुनिश्चित करने के राज्य सरकार के विजन को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध, हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड ने आज मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरस्वती नदी के प्रवाह मार्ग पर स्थित विभिन्न विरासत स्थलों के जीर्णोद्घार सहित 11 प्रमुख परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की।
- मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, जो हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने बोर्ड के शासी निकाय की चौथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरस्वती नदी में ताजे पानी का प्रवाह सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं।
- इस अवसर पर उन्होंने हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड द्वारा विकसित एक मोबाइल एप्प भी लॉन्च किया। सरस्वती नदी के अस्तित्व के वैज्ञानिक प्रमाणों और अन्य प्रासंगिक अध्ययनों सहित सरस्वती नदी से जुड़ी अन्य जानकारी इस एप्प पर उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के प्रतीक चिह्नï (लोगो) को भी स्वीकृति प्रदान की।
- बैठक में राज्य में सरस्वती नदी के कायाकल्प और विकास के लिए जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, उनमें सोम्ब सरस्वती बैराज और सरस्वती जलाशय का निर्माण, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के जिला यमुनानगर में आदि बद्री में आदि बद्री बांध का निर्माण और अन्य विकास कार्य, सरस्वती जलाशय से घग्गर नदी में इसके बहिर्गमन तक सरस्वती नदी का कायाकल्प, केंथला आपूर्ति चैनल के माध्यम से मारकण्डा नदी और सरस्वती नदी को जोडऩा, सरस्वती नदी में गिरने वाले समस्त अपशिष्ट जल की रिसाइकलिंग के लिए अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों का निर्माण करना, सरस्वती नगर में सरस्वती तीरथ पर आरसीसी डिवाइड वॉल का निर्माण करना, जिला कुरुक्षेत्र में गांव भैणी एवं मगना में सरस्वती घाट का निर्माण, लोगों की सुविधा के लिए जिला कुरुक्षेत्र में गांव ईशरगढ़ और प्रतापगढ़ के निकट बीड़ पिपली में सरस्वती नदी पर पुलों का निर्माण, सरस्वती नदी के प्रवाह मार्ग के साथ विरासत स्थलों के जीर्णोद्घार का कार्य और मंदिरों एवं घाटों का निर्माण या विकास और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में स्थापित सरस्वती नदी अनुसंधान उत्कृष्टïता केन्द्र के साथ सरस्वती नदी विरासत अनुसंधान संस्थान को जोडऩा शामिल है।
- बोर्ड ने जिला कुरुक्षेत्र में पिपली से ज्योतिसर और पिहोवा में जल मार्ग/धरोहर विकास/तीर्थ पर्यटन गतिविधियों के लिए तकनीकी-व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए सलाहकार की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इसने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के उत्कृष्टता केंद्र में अनुसंधान गतिविधियों के लिए 50 लाख रुपये वार्षिक का सहायता अनुदान भी स्वीकृत किया।
- बैठक में बताया गया कि सोम्ब सरस्वती बैराज और सरस्वती जलाशय के निर्माण से सरस्वती जलाशय में 1000 हेक्टेयर मीटर पानी के भंडारण की सुविधा होगी जो काफी हद तक सरस्वती नदी में पानी के प्रवाह की आवश्यकता को पूरा करेगी। इसी प्रकार, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के आदि बद्री में आदि बद्री बांध के निर्माण और अन्य विकास कार्यों के के पूरा होने के बाद, हरियाणा क्षेत्र में रामपुर हेरियन, रामपुर कांबियान और चिल्लौर में प्रस्तावित सरस्वती जलाशय की भंडारण क्षमता 100 हेक्टेयर मीटर से बढ़ कर 1475 हेक्टेयर मीटर हो जाएगी। इससे मानसून के मौसम में सरस्वती नदी में 200 क्यूसिक तक पानी का प्रवाह होगा। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश सरकार से अंतरराज्यीय मंजूरी के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र पहले ही प्राप्त हो चुका है।
- बैठक में यह भी बताया गया कि कैनथला आपूर्ति चैनल के माध्यम से मारकण्डा नदी और सरस्वती नदी को जोडऩे का कार्य पूरा होने पर मारकण्डा नदी के झाँसा हैड से 3000 क्यूसिक बाढ़ के पानी को मारकण्डा नदी से सरस्वती नदी में डाला जा सकेगा। कुरुक्षेत्र और सरस्वती नगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण का कार्य प्रगति पर है और बिलासपुर में एसटीपी के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा दस दिनों के भीतर अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
- बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड ने विरासत स्थलों की पहचान की है, जिनमें सरस्वती नदी के प्रवाह मार्ग के साथ विभिन्न मंदिर, घाट और अन्य संरचनाएं शामिल हैं जिनका विकास एवं जीर्णोद्घार किया जाएगा।
- इससे पूर्व, हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री प्रशांत भारद्वाज ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को 427 विभिन्न नदियों से एकत्रित किए गए जल की एक बोतल भेंट की। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि श्री मनोहर लाल ने केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी के साथ हाल ही में जिला यमुनानगर के आदि बद्री में महा जलाभिषेक किया था।
- इस अवसर पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष श्री भारत भूषण भारती, मुख्य सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, उप-प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, कला और सांस्कृतिक मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खंडेलवाल, पर्यटन के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अमित झा, लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, उच्चत्तर शिक्षा के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल कुमार, वित्त एवं योजना के प्रधान सचिव श्री टी वी एस एन प्रसाद, सिंचाई और जल संसाधन के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
- चंडीगढ़, 2 जनवरी- हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव रंजन ने आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों के संबंध में प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों व चुनाव अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि पात्र व्यक्तियों को अपने वोट बनवाने तथा मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं, क्योंकि लोकतंत्र की सफलता अधिकतम मतदान के माध्यम से ही सुनिश्चित हो सकती है। इसके अलावा, सभी जिलों में 25 जनवरी को राष्टï्रीय मतदाता दिवस का आयोजन व्यापक स्तर पर जन भागीदारी के साथ करवाया जाए।
- श्री रंजन ने आज हिसार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चुनाव प्रबंधन योजना सहित चुनाव के जुड़े तमाम पहलुओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को जरूरी प्रबंध करने को कहा।
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव रंजन ने कहा कि वर्तमान लोकसभा की अवधि के समापन के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव अपेक्षित हैं। प्रदेश में 10 लोकसभा सदस्यों का चुनाव होगा जिसके लिए सभी अधिकारी समय पर अपनी तैयारियां पूरी कर लें। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र के जिला मुख्यालयों के उपायुक्त अपने लोक सभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी होंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने अधीन सभी मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने को कहा ताकि किसी प्रकार की कमी को समय रहते दुरूस्त किया जा सके।
- उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1200 तथा शहरी क्षेत्र के मतदान केंद्र पर 1400 से अधिक नहीं होनी चाहिए। सभी मतदान केंद्रों पर दिव्यांगों के लिए रैंप बनवाना भी सुनिश्चित किया जाए। इसी प्रकार, उन्होंने मतदान केंद्रों पर यथासंभव दो द्वार, बिजली आदि की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि जहां जरूरत हो, वहां नए मतदान केंद्र बनाए जाएं।
- श्री रंजन ने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रयुक्त होने वाली सभी वस्तुओं के मूल्य मानक पहले ही निर्धारित कर लिए जाएं और सभी जिलों में वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी व वेब कास्टिंग आदि की भी व्यवस्था कर ली जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों के अधिकारी अपने यहां चुनाव से जुड़े अधिकारियों के खाली पदों का विवरण मुख्य चुनाव अधिकारी के चंडीगढ़ कार्यालय भिजवाएं। चुनाव में माइक्रो ऑब्जर्वर, सेक्टर ऑफिसर्स, सुरक्षा अधिकारियों, कॉर्डिनेट्र्स तथा अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की सूची पहले ही तैयार कर लें ताकि चुनाव की घोषणा के साथ ही इनकी ड्यूटी लगाई जा सके। इसके अलावा, चुनाव के दौरान अवैध रूप से नकदी के लेनदेन पर नियंत्रण के लिए आयकर विभाग के समन्वय के साथ टीमों का गठन किया जाए।
- चंडीगढ़, 2 जनवरी- हरियाणा में अब स्वच्छ भारत मिशन के सभी कार्य जिला परिषदों की देखरेख में किये जायेंगे।
- यह जानकारी आज यहां हरियाणा के मुख्यसचिव श्री डी एस ढेसी की अध्यक्षता में हरियाणा राज्य स्वच्छ भारत मिशन सोसायटी की कार्यकारी समीति की तीसरी बैठक में दी गई ।
- बैठक में श्री ढेसी ने गा्रमीण क्षेत्रों में तरल कचरा प्रबन्ध के लिए विकास एवं पंचायत विभाग तथा हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण को आपस में तालमेल स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिये।
- उन्होने बताया कि हरियाणा के गा्रमीण एवं शहरी आंगनवाडी केंद्रों में शौचालयों के निर्माण पर होने वाले खर्च को स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया है।
- बैठक में बताया गया कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 के तहत हरियाणा को भारत वर्ष में पहला स्थान प्राप्त है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौचमुक्त की सर्वोच्च जिला श्रेणी में हरियाणा के गुरुग्राम, करनाल व रेवाड़ी शामिल हुए हैं।
- उन्हें बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत हरियाणा राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्र जून 2017 तक खुले में शौचमुक्त हो चुके हैं। राज्य के सभी शहरी क्षेत्र भी अक्टूबर 2017 तक खुले में शौचमुक्त हो चुके हैं। वर्ष 2019 तक हरियाणा के सभी गावों में ठोस व तरल कचरा प्रबंधन इकाइयां स्थापित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है।
- हरियाणा की शहरी ठोस कचरा प्रबंधन योजनाओं के तहत प्रदेश की सभी शहरी स्थानीय निकायों को 14 कलस्टरों में विभाजित किया गया है। राज्य में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित किए जाने पर विशेष बल दिया जा रहा है।
- बैठक में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी के दास,वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी वी एस एन प्रसाद, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद मोहन शरण, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री राजाशेखर वुंड्रू, नगर एवं गा्रम योजना विभाग के प्रधान सचिव श्री ए के सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठï अधिकारी उपस्थित थे।
- चंडीगढ़, 2 जनवरी- हरियाणा सरकार ने आधार कार्ड की आवश्यकता, आधार अपडेट करवाने से संबंधित समस्याओं और आधार से मिलने वाली सुविधाओं की विस्तृत जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए ‘आधार-रथ’ की शुरुआत की है। यह रथ 2 जनवरी से 10 फरवरी तक प्रदेश के जिलों और गांवों में भ्रमण कर लोगों को आधार से संबंधित आवश्यक जानकारियां देगा।
- यह जानकारी गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस. एस. प्रसाद ने आज हरियाणा सिविल सचिवालय परिसर से ‘आधार-रथ’ को झंडी दिखाकर रवाना करने उपरांत दी।
- श्री एस. एस. प्रसाद ने कहा कि आधार कार्ड बनाने के मामले में हरियाणा देश में अग्रणी है। जन्म पंजीकरण के मामले में भी हरियाणा देश में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने, आधार की आवश्यकताओं और उससे मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की जानकारी देने के लिए ‘आधार-रथ’ की शुरुआत की गई है। यह रथ 40 दिनों तक प्रदेश में भ्रमण करेगा।
- उन्होंने कहा कि आधार कार्ड आने के बाद भ्रष्टाचार में कमी आई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पीडीएस सिस्टम से आधार कार्ड लिंक होने के बाद केवल जरूरतमंद लाभार्थियों को ही राशन मिलता है। अब राशन वितरण में पहले की तरह भ्रष्टाचार या गड़बड़ी नहीं होती है।
- चंडीगढ़, 2 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गत वर्ष जनवरी से मई माह के दौरान फतेहाबाद व सिरसा जिलों में मुहखूर्र बीमारी के कारण हुई पशुओं की मृत्यु पर संज्ञान लेते हुए पशुपालकों के नुकसान की भरपाई के लिए 68.71 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है।
- मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी श्री अमरजीत सिंह ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि पशुपालन व डेरी विभाग द्वारा अपनी रिपोर्ट में दोनों जिलों में 517 पशुओं की मृत्यु की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के गत दिनों सिरसा व फतेहाबाद दौरे के दौराण लोगों ने इतनी बड़ी संख्या में पशुओं की मृत्य होने की जानकारी से अवगत करवाया।
- उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस बात पर संज्ञान लिया और इसे एक प्राकृतिक आपदा मानते हुए कहा कि पशुपालकों के नुकसान की भरपाई होनी ही चाहिए, जिसकी आज उन्होंने मुख्यमंत्री राहतकोष से स्वीकृति प्रदान की है।
- चंडीगढ़, 2 जनवरी-हरियाणा हज कमेटी ने हज 2019 पर जाने वाले हाजियों के साथ बतौर खादिम-उल-हुज्जाज के तौर पर सउदी अरबिया जाने के इच्छुक राज्य सरकार के विभागों में नियमित रूप से कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों से अपने-अपने विभागों से अनापति प्रमाण पत्र के साथ निर्धारित प्रपत्र पर 14 जनवरी, 2019 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए है।
- हरियाणा राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष चौधरी औंरगजेब ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि हज 2019 पर जाने के इच्छुक कर्मचारी अपने आवेदन पत्र मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरियाणा राज्य हज कमेटी कमरा-49-ए, 5वीं मंजिल हरियाणा सिविल सचिवालय चंडीगढ़ को भेज सकते है। श्रद्घालुओं को अपने आवेदन-पत्र के साथ विभाग द्वारा जारी पहचान पत्र, अंतर्राष्टï्रीय पासपोर्ट की प्रति, सरकारी अस्पताल द्वारा जारी मेडिकल सर्टीफिकेट, किस वर्ष में हज व उमराह किया, के प्रमाण की प्रति तथा अपने विभाग से प्राप्त अनापति प्रमाण पत्र की प्रति संलग्न करके भिजवाये।
- उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में हज कमेटी इंडिया मुम्बई द्वारा जारी हिदायतें व आवेदन प्रपत्र हज कमेटी इंडिया की बैवसाइट www.hajcommittee.gov.in से प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि हज यात्रियों की सुविधा के प्रशिक्षक के लिए भी ऑनलाइन आवेदन हज कमेटी इण्डिया मुम्बई द्वारा मांगे गए है तथा यह ऑनलाइन आवेदन हरियाणा राज्य हज कमेटी के कार्यालय में 10 जनवरी, 2019 तक पहुंच जाने चाहिए।
- चौधरी औंरगजेब ने बताया कि इस ट्रेनिंग के लिए हज पर जा चुके ऐसे इच्छुक व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं जिनकों अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू व अरबी भाषाओं के साथ-साथ कम्प्यूटर का भी ज्ञान हो।